2 इसराईल कहे, “उस की शफ़क़त अबदी है।”
3 हारून का घराना कहे, “उस की शफ़क़त अबदी है।”
4 रब का ख़ौफ़ माननेवाले कहें, “उस की शफ़क़त अबदी है।”
6 रब मेरे हक़ में है, इसलिए मैं नहीं डरूँगा। इनसान मेरा क्या बिगाड़ सकता है?
7 रब मेरे हक़ में है और मेरा सहारा है, इसलिए मैं उनकी शिकस्त देखकर ख़ुश हूँगा जो मुझसे नफ़रत करते हैं।
9 रब में पनाह लेना शुरफ़ा पर एतमाद करने से कहीं बेहतर है।
11 उन्होंने मुझे घेर लिया, हाँ चारों तरफ़ से घेर लिया, लेकिन मैंने अल्लाह का नाम लेकर उन्हें भगा दिया।
12 वह शहद की मक्खियों की तरह चारों तरफ़ से मुझ पर हमलाआवर हुए, लेकिन काँटेदार झाड़ियों की आग की तरह जल्द ही बुझ गए। मैंने रब का नाम लेकर उन्हें भगा दिया।
13 दुश्मन ने मुझे धक्का देकर गिराने की कोशिश की, लेकिन रब ने मेरी मदद की।
14 रब मेरी क़ुव्वत और मेरा गीत है, वह मेरी नजात बन गया है।
16 रब का दहना हाथ सरफ़राज़ करता है, रब का दहना हाथ ज़बरदस्त काम करता है!”
17 मैं नहीं मरूँगा बल्कि ज़िंदा रहकर रब के काम बयान करूँगा।
18 गो रब ने मेरी सख़्त तादीब की है, उसने मुझे मौत के हवाले नहीं किया।
20 यह रब का दरवाज़ा है, इसी में रास्तबाज़ दाख़िल होते हैं।
22 जिस पत्थर को मकान बनानेवालों ने रद्द किया वह कोने का बुनियादी पत्थर बन गया।
23 यह रब ने किया और देखने में कितना हैरतअंगेज़ है।
24 इसी दिन रब ने अपनी क़ुदरत दिखाई है। आओ, हम शादियाना बजाकर उस की ख़ुशी मनाएँ।
25 ऐ रब, मेहरबानी करके हमें बचा! ऐ रब, मेहरबानी करके कामयाबी अता फ़रमा!
27 रब ही ख़ुदा है, और उसने हमें रौशनी बख़्शी है। आओ, ईद की क़ुरबानी रस्सियों से क़ुरबानगाह के सींगों के साथ बान्धो।
29 रब की सताइश करो, क्योंकि वह भला है और उस की शफ़क़त अबदी है।
<- ज़बूर 117ज़बूर 119 ->