2 रब के काम अज़ीम हैं। जो उनसे लुत्फ़अंदोज़ होते हैं वह उनका ख़ूब मुतालआ करते हैं।
4 वह अपने मोजिज़े याद कराता है। रब मेहरबान और रहीम है।
5 जो उसका ख़ौफ़ मानते हैं उन्हें उसने ख़ुराक मुहैया की है। वह हमेशा तक अपने अहद का ख़याल रखेगा।
6 उसने अपनी क़ौम को अपने ज़बरदस्त कामों का एलान करके कहा, “मैं तुम्हें ग़ैरक़ौमों की मीरास अता करूँगा।”
7 जो भी काम उसके हाथ करें वह सच्चे और रास्त हैं। उसके तमाम अहकाम क़ाबिले-एतमाद हैं।
8 वह अज़ल से अबद तक क़ायम हैं, और उन पर सच्चाई और दियानतदारी से अमल करना है।
9 उसने अपनी क़ौम का फ़िद्या भेजकर उसे छुड़ाया है। उसने फ़रमाया, “मेरा क़ौम के साथ अहद अबद तक क़ायम रहे।” उसका नाम क़ुद्दूस और पुरजलाल है।
10 हिकमत इससे शुरू होती है कि हम रब का ख़ौफ़ मानें। जो भी उसके अहकाम पर अमल करे उसे अच्छी समझ हासिल होगी। उस की हम्द हमेशा तक क़ायम रहेगी।
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