11 रब ने मूसा से यह भी कहा, 12 “मैंने इसराईलियों में से लावियों को चुन लिया है। वह तमाम इसराईली पहलौठों के एवज़ मेरे लिए मख़सूस हैं, 13 क्योंकि तमाम पहलौठे मेरे ही हैं। जिस दिन मैंने मिसर में तमाम पहलौठों को मार दिया उस दिन मैंने इसराईल के पहलौठों को अपने लिए मख़सूस किया, ख़ाह वह इनसान के थे या हैवान के। वह मेरे ही हैं। मैं रब हूँ।”
17 लावी के तीन बेटे जैरसोन, क़िहात और मिरारी थे। 18 जैरसोन के दो कुंबे उसके बेटों लिबनी और सिमई के नाम रखते थे। 19 क़िहात के चार कुंबे उसके बेटों अमराम, इज़हार, हबरून और उज़्ज़ियेल के नाम रखते थे। 20 मिरारी के दो कुंबे उसके बेटों महली और मूशी के नाम रखते थे। ग़रज़ लावी के क़बीले के कुंबे उसके पोतों के नाम रखते थे।
21 जैरसोन के दो कुंबों बनाम लिबनी और सिमई 22 के 7,500 मर्द थे जो एक माह या इससे ज़ायद के थे। 23 उन्हें अपने ख़ैमे मग़रिब में मक़दिस के पीछे लगाने थे। 24 उनका राहनुमा इलियासफ़ बिन लाएल था, 25 और वह ख़ैमे को सँभालते थे यानी उस की पोशिशें, ख़ैमे के दरवाज़े का परदा, 26 ख़ैमे और क़ुरबानगाह की चारदीवारी के परदे, चारदीवारी के दरवाज़े का परदा और तमाम रस्से। इन चीज़ों से मुताल्लिक़ सारी ख़िदमत उनकी ज़िम्मादारी थी।
27 क़िहात के चार कुंबों बनाम अमराम, इज़हार, हबरून और उज़्ज़ियेल 28 के 8,600 मर्द थे जो एक माह या इससे ज़ायद के थे और जिनको मक़दिस की ख़िदमत करनी थी। 29 उन्हें अपने डेरे मक़दिस के जुनूब में डालने थे। 30 उनका राहनुमा इलीसफ़न बिन उज़्ज़ियेल था, 31 और वह यह चीज़ें सँभालते थे : अहद का संदूक़, मेज़, शमादान, क़ुरबानगाहें, वह बरतन और साज़ो-सामान जो मक़दिस में इस्तेमाल होता था और मुक़द्दसतरीन कमरे का परदा। इन चीज़ों से मुताल्लिक़ सारी ख़िदमत उनकी ज़िम्मादारी थी। 32 हारून इमाम का बेटा इलियज़र लावियों के तमाम राहनुमाओं पर मुक़र्रर था। वह उन तमाम लोगों का इंचार्ज था जो मक़दिस की देख-भाल करते थे।
33 मिरारी के दो कुंबों बनाम महली और मूशी 34 के 6,200 मर्द थे जो एक माह या इससे ज़ायद के थे। 35 उनका राहनुमा सूरियेल बिन अबीख़ैल था। उन्हें अपने डेरे मक़दिस के शिमाल में डालने थे, 36 और वह यह चीज़ें सँभालते थे : ख़ैमे के तख़्ते, उसके शहतीर, खंबे, पाए और इस तरह का सारा सामान। इन चीज़ों से मुताल्लिक़ सारी ख़िदमत उनकी ज़िम्मादारी थी। 37 वह चारदीवारी के खंबे, पाए, मेख़ें और रस्से भी सँभालते थे।
38 मूसा, हारून और उनके बेटों को अपने डेरे मशरिक़ में मक़दिस के सामने डालने थे। उनकी ज़िम्मादारी मक़दिस में बनी इसराईल के लिए ख़िदमत करना थी। उनके अलावा जो भी मक़दिस में दाख़िल होने की कोशिश करता उसे सज़ाए-मौत देनी थी।
39 उन लावी मर्दों की कुल तादाद जो एक माह या इससे ज़ायद के थे 22,000 थी। रब के कहने पर मूसा और हारून ने उन्हें कुंबों के मुताबिक़ गिनकर रजिस्टर में दर्ज किया।
44 रब ने मूसा से कहा, 45 “मुझे तमाम इसराईली पहलौठों की जगह लावियों को पेश करना। इसी तरह मुझे इसराईलियों के मवेशियों की जगह लावियों के मवेशी पेश करना। लावी मेरे ही हैं। मैं रब हूँ। 46 लावियों की निसबत बाक़ी इसराईलियों के 273 पहलौठे ज़्यादा हैं। उनमें से 47 हर एक के एवज़ चाँदी के पाँच सिक्के ले जो मक़दिस के वज़न के मुताबिक़ हों (फ़ी सिक्का तक़रीबन 11 ग्राम)। 48 यह पैसे हारून और उसके बेटों को देना।”
49 मूसा ने ऐसा ही किया। 50 यों उसने चाँदी के 1,365 सिक्के (तक़रीबन 16 किलोग्राम) जमा करके 51 हारून और उसके बेटों को दिए, जिस तरह रब ने उसे हुक्म दिया था।
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