5 हर दूसरी क़ौम अपने देवता का नाम लेकर फिरती है, लेकिन हम हमेशा तक रब अपने ख़ुदा का नाम लेकर फिरेंगे।
6 रब फ़रमाता है, “उस दिन मैं लँगड़ों को जमा करूँगा और उन्हें इकट्ठा करूँगा जिन्हें मैंने मुंतशिर करके दुख पहुँचाया था। 7 मैं लँगड़ों को क़ौम का बचा हुआ हिस्सा बना दूँगा और जो दूर तक भटक गए थे उन्हें ताक़तवर उम्मत में तबदील करूँगा। तब रब उनका बादशाह बनकर अबद तक सिय्यून पहाड़ पर उन पर हुकूमत करेगा। 8 जहाँ तक तेरा ताल्लुक़ है, ऐ रेवड़ के बुर्ज, ऐ सिय्यून बेटी के पहाड़, तुझे पहले की-सी सलतनत हासिल होगी। यरूशलम बेटी को दुबारा बादशाहत मिलेगी।”
10 ऐ सिय्यून बेटी, जन्म देनेवाली औरत की तरह तड़पती और चीख़ती जा! क्योंकि अब तुझे शहर से निकलकर खुले मैदान में रहना पड़ेगा, आख़िर में तू बाबल तक पहुँचेगी। लेकिन वहाँ रब तुझे बचाएगा, वहाँ वह एवज़ाना देकर तुझे दुश्मन के हाथ से छुड़ाएगा।
11 इस वक़्त तो मुतअद्दिद क़ौमें तेरे ख़िलाफ़ जमा हो गई हैं। आपस में वह कह रही हैं, “आओ, यरूशलम की बेहुरमती हो जाए, हम सिय्यून की हालत देखकर लुत्फ़अंदोज़ हो जाएँ।” 12 लेकिन वह रब के ख़यालात को नहीं जानते, उसका मनसूबा नहीं समझते। उन्हें मालूम नहीं कि वह उन्हें गंदुम के पूलों की तरह इकट्ठा कर रहा है ताकि उन्हें गाह ले।
13 “ऐ सिय्यून बेटी, उठकर गाह ले! क्योंकि मैं तुझे लोहे के सींगों और पीतल के खुरों से नवाज़ूँगा ताकि तू बहुत-सी क़ौमों को चूर चूर कर सके। तब मैं उनका लूटा हुआ माल रब के लिए मख़सूस करूँगा, उनकी दौलत पूरी दुनिया के मालिक के हवाले करूँगा।”
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