1 मैंने तुमको यह इसलिए बताया है ताकि तुम गुमराह न हो जाओ। 2 वह तुमको यहूदी जमातों से निकाल देंगे, बल्कि वह वक़्त भी आनेवाला है कि जो भी तुमको मार डालेगा वह समझेगा, ‘मैंने अल्लाह की ख़िदमत की है।’ 3 वह इस क़िस्म की हरकतें इसलिए करेंगे कि उन्होंने न बाप को जाना है, न मुझे। 4 मैंने तुमको यह बातें इसलिए बताई हैं कि जब उनका वक़्त आ जाए तो तुमको याद आए कि मैंने तुम्हें आगाह कर दिया था।
12 मुझे तुमको मज़ीद बहुत कुछ बताना है, लेकिन इस वक़्त तुम उसे बरदाश्त नहीं कर सकते। 13 जब सच्चाई का रूह आएगा तो वह पूरी सच्चाई की तरफ़ तुम्हारी राहनुमाई करेगा। वह अपनी मरज़ी से बात नहीं करेगा बल्कि सिर्फ़ वही कुछ कहेगा जो वह ख़ुद सुनेगा। वही तुमको मुस्तक़बिल के बारे में भी बताएगा। 14 और वह इसमें मुझे जलाल देगा कि वह तुमको वही कुछ सुनाएगा जो उसे मुझसे मिला होगा। 15 जो कुछ भी बाप का है वह मेरा है। इसलिए मैंने कहा, ‘रूह तुमको वही कुछ सुनाएगा जो उसे मुझसे मिला होगा।’
17 उसके कुछ शागिर्द आपस में बात करने लगे, “ईसा के यह कहने से क्या मुराद है कि ‘थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे, फिर थोड़ी देर के बाद मुझे दुबारा देख लोगे’? और इसका क्या मतलब है, ‘मैं बाप के पास जा रहा हूँ’?” 18 और वह सोचते रहे, “यह किस क़िस्म की ‘थोड़ी देर’ है जिसका ज़िक्र वह कर रहे हैं? हम उनकी बात नहीं समझते।”
19 ईसा ने जान लिया कि वह मुझसे इसके बारे में सवाल करना चाहते हैं। इसलिए उसने कहा, “क्या तुम एक दूसरे से पूछ रहे हो कि मेरी इस बात का क्या मतलब है कि ‘थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे, फिर थोड़ी देर के बाद मुझे दुबारा देख लोगे’? 20 मैं तुमको सच बताता हूँ कि तुम रो रोकर मातम करोगे जबकि दुनिया ख़ुश होगी। तुम ग़म करोगे, लेकिन तुम्हारा ग़म ख़ुशी में बदल जाएगा। 21 जब किसी औरत के बच्चा पैदा होनेवाला होता है तो उसे ग़म और तकलीफ़ होती है क्योंकि उसका वक़्त आ गया है। लेकिन ज्योंही बच्चा पैदा हो जाता है तो माँ ख़ुशी के मारे कि एक इनसान दुनिया में आ गया है अपनी तमाम मुसीबत भूल जाती है। 22 यही तुम्हारी हालत है। क्योंकि अब तुम ग़मज़दा हो, लेकिन मैं तुमसे दुबारा मिलूँगा। उस वक़्त तुमको ख़ुशी होगी, ऐसी ख़ुशी जो तुमसे कोई छीन न लेगा।
23 उस दिन तुम मुझसे कुछ नहीं पूछोगे। मैं तुमको सच बताता हूँ कि जो कुछ तुम मेरे नाम में बाप से माँगोगे वह तुमको देगा। 24 अब तक तुमने मेरे नाम में कुछ नहीं माँगा। माँगो तो तुमको मिलेगा। फिर तुम्हारी ख़ुशी पूरी हो जाएगी।
29 इस पर उसके शागिर्दों ने कहा, “अब आप तमसीलों में नहीं बल्कि साफ़ साफ़ बात कर रहे हैं। 30 अब हमें समझ आई है कि आप सब कुछ जानते हैं और कि इसकी ज़रूरत नहीं कि कोई आपकी पूछ-गछ करे। इसलिए हम ईमान रखते हैं कि आप अल्लाह में से निकलकर आए हैं।”
31 ईसा ने जवाब दिया, “अब तुम ईमान रखते हो? 32 देखो, वह वक़्त आ रहा है बल्कि आ चुका है जब तुम तित्तर-बित्तर हो जाओगे। मुझे अकेला छोड़कर हर एक अपने घर चला जाएगा। तो भी मैं अकेला नहीं हूँगा क्योंकि बाप मेरे साथ है। 33 मैंने तुमको इसलिए यह बात बताई ताकि तुम मुझमें सलामती पाओ। दुनिया में तुम मुसीबत में फँसे रहते हो। लेकिन हौसला रखो, मैं दुनिया पर ग़ालिब आया हूँ।”
<- यूहन्ना 15यूहन्ना 17 ->