2 “रब जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि यहूदाह के बादशाह सिदक़ियाह के पास जाकर उसे बता, रब फ़रमाता है कि मैं इस शहर यरूशलम को शाहे-बाबल के हवाले करने को हूँ, और वह इसे नज़रे-आतिश कर देगा। 3 तू भी उसके हाथ से नहीं बचेगा बल्कि ज़रूर पकड़ा जाएगा। तुझे उसके हवाले किया जाएगा, और तू शाहे-बाबल को अपनी आँखों से देखेगा, वह तेरे रूबरू तुझसे बात करेगा। फिर तुझे बाबल जाना पड़ेगा। 4 लेकिन ऐ सिदक़ियाह बादशाह, रब का यह फ़रमान भी सुन! रब तेरे बारे में फ़रमाता है कि तू तलवार से नहीं 5 बल्कि तबई मौत मरेगा, और लोग उसी तरह तेरी ताज़ीम में लकड़ी का बड़ा ढेर बनाकर आग लगाएँगे जिस तरह तेरे बापदादा के लिए करते आए हैं। वह तुझ पर भी मातम करेंगे और कहेंगे, ‘हाय, मेरे आक़ा!’ यह रब का फ़रमान है।”
6 यरमियाह नबी ने सिदक़ियाह बादशाह को यरूशलम में यह पैग़ाम सुनाया। 7 उस वक़्त बाबल की फ़ौज यरूशलम, लकीस और अज़ीक़ा से लड़ रही थी। यहूदाह के तमाम क़िलाबंद शहरों में से यही तीन अब तक क़ायम रहे थे।
13 “रब जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘जब मैं तुम्हारे बापदादा को मिसर की ग़ुलामी से निकाल लाया तो मैंने उनसे अहद बाँधा। उस की एक शर्त यह थी 14 कि जब किसी हमवतन ने अपने आपको बेचकर छः साल तक तेरी ख़िदमत की है तो लाज़िम है कि सातवें साल तू उसे आज़ाद कर दे। यह शर्त तुम सब पर सादिक़ आती है। लेकिन अफ़सोस, तुम्हारे बापदादा ने न मेरी सुनी, न मेरी बात पर ध्यान दिया। 15 अब तुमने पछताकर वह कुछ किया जो मुझे पसंद था। हर एक ने एलान किया कि हम अपने हमवतन ग़ुलामों को आज़ाद कर देंगे। तुम उस घर में आए जिस पर मेरे नाम का ठप्पा लगा है और अहद बाँधकर मेरे हुज़ूर उस वादे की तसदीक़ की। 16 लेकिन अब तुमने अपना इरादा बदलकर मेरे नाम की बेहुरमती की है। अपने ग़ुलामों और लौंडियों को आज़ाद कर देने के बाद हर एक उन्हें अपने पास वापस लाया है। पहले तुमने उन्हें बताया कि जहाँ जी चाहो चले जाओ, और अब तुमने उन्हें दुबारा ग़ुलाम बनने पर मजबूर किया है।’
17 चुनाँचे सुनो जो कुछ रब फ़रमाता है! ‘तुमने मेरी नहीं सुनी, क्योंकि तुमने अपने हमवतन ग़ुलामों को आज़ाद नहीं छोड़ा। इसलिए अब रब तुम्हें तलवार, मोहलक बीमारियों और काल के लिए आज़ाद छोड़ देगा। तुम्हें देखकर दुनिया के तमाम ममालिक के रोंगटे खड़े हो जाएंगे।’ यह रब का फ़रमान है। 18-19 ‘देखो, यहूदाह और यरूशलम के बुज़ुर्गों, दरबारियों, इमामों और अवाम ने मेरे साथ अहद बाँधा। इसकी तसदीक़ करने के लिए वह एक बछड़े को दो हिस्सों में तक़सीम करके उनके दरमियान से गुज़र गए। तो भी उन्होंने अहद तोड़कर उस की शरायत पूरी न कीं। चुनाँचे मैं होने दूँगा कि वह उस बछड़े की मानिंद हो जाएँ जिसके दो हिस्सों में से वह गुज़र गए हैं। 20 मैं उन्हें उनके दुश्मनों के हवाले कर दूँगा, उन्हीं के हवाले जो उन्हें जान से मारने के दरपै हैं। उनकी लाशें परिंदों और जंगली जानवरों की ख़ुराक बन जाएँगी।
21 मैं यहूदाह के बादशाह सिदक़ियाह और उसके अफ़सरों को उनके दुश्मन के हवाले कर दूँगा, उन्हीं के हवाले जो उन्हें जान से मारने पर तुले हुए हैं। वह यक़ीनन शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र की फ़ौज के क़ब्ज़े में आ जाएंगे। क्योंकि गो फ़ौजी इस वक़्त पीछे हट गए हैं, 22 लेकिन मेरे हुक्म पर वह वापस आकर यरूशलम पर हमला करेंगे। और इस मरतबा वह उस पर क़ब्ज़ा करके उसे नज़रे-आतिश कर देंगे। मैं यहूदाह के शहरों को भी यों ख़ाक में मिला दूँगा कि कोई उनमें नहीं रह सकेगा’।” यह रब का फ़रमान है।
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