4 क्योंकि रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “क़दीम ज़माने में मेरी क़ौम मिसर चली गई ताकि वहाँ परदेस में रहे। बाद में असूर ने बिलावजह उस पर ज़ुल्म किया है।” 5 रब फ़रमाता है, “अब जो ज़्यादती मेरी क़ौम से हो रही है उसका मेरे साथ क्या वास्ता है?” रब फ़रमाता है, “मेरी क़ौम तो मुफ़्त में छीन ली गई है, और उस पर हुकूमत करनेवाले शेख़ी मारकर पूरा दिन मेरे नाम पर कुफ़र बकते हैं। 6 चुनाँचे मेरी क़ौम मेरे नाम को जान लेगी, उस दिन वह पहचान लेगी कि मैं ही वही हूँ जो फ़रमाता है, ‘मैं हाज़िर हूँ’!”
7 उसके क़दम कितने प्यारे हैं जो पहाड़ों पर चलते हुए ख़ुशख़बरी सुनाता है। क्योंकि वह अमनो-अमान, ख़ुशी का पैग़ाम और नजात का एलान करेगा, वह सिय्यून से कहेगा, “तेरा ख़ुदा बादशाह है!” 8 सुन! तेरे पहरेदार आवाज़ बुलंद कर रहे हैं, वह मिलकर ख़ुशी के नारे लगा रहे हैं। क्योंकि जब रब कोहे-सिय्यून पर वापस आएगा तो वह अपनी आँखों से इसका मुशाहदा करेंगे।
9 ऐ यरूशलम के खंडरात, शादियाना बजाओ, ख़ुशी के गीत गाओ! क्योंकि रब ने अपनी क़ौम को तसल्ली दी है, उसने एवज़ाना देकर यरूशलम को छुड़ाया है। 10 रब अपनी मुक़द्दस क़ुदरत तमाम अक़वाम पर ज़ाहिर करेगा, दुनिया की इंतहा तक सब हमारे ख़ुदा की नजात देखेंगे।
11 जाओ, चले जाओ! वहाँ से निकल जाओ! किसी भी नापाक चीज़ को न छूना। जो रब का सामान उठाए चल रहे हैं वह वहाँ से निकलकर पाक-साफ़ रहें। 12 लेकिन लाज़िम नहीं कि तुम भागकर रवाना हो जाओ। तुम्हें अचानक फ़रार होने की ज़रूरत नहीं होगी, क्योंकि रब तुम्हारे आगे भी चलेगा और तुम्हारे पीछे भी। यों इसराईल का ख़ुदा दोनों तरफ़ से तुम्हारी हिफ़ाज़त करेगा।