3 मैं तो इसराईल को ख़ूब जानता हूँ, वह मुझसे छुपा नहीं रह सकता। इसराईल अब इसमतफ़रोश बन गया है, वह नापाक है। 4 उनकी बुरी हरकतें उन्हें उनके ख़ुदा के पास वापस आने नहीं देतीं। क्योंकि उनके अंदर ज़िनाकारी की रूह है, और वह रब को नहीं जानते। 5 इसराईल का तकब्बुर उसके ख़िलाफ़ गवाही देता है, और वह अपने क़ुसूर के बाइस गिर जाएगा। यहूदाह भी उसके साथ गिर जाएगा।
6 तब वह अपनी भेड़-बकरियों और गाय-बैलों को लेकर रब को तलाश करेंगे, लेकिन बेफ़ायदा। वह उसे पा नहीं सकेंगे, क्योंकि वह उन्हें छोड़कर चला गया है। 7 उन्होंने रब से बेवफ़ा होकर नाजायज़ औलाद पैदा की है। अब नया चाँद उन्हें उनकी मौरूसी ज़मीनों समेत हड़प कर लेगा।
10 यहूदाह के राहनुमा उन जैसे बन गए हैं जो नाजायज़ तौर पर अपनी ज़मीन की हुदूद बढ़ा देते हैं। जवाब में मैं अपना ग़ज़ब मूसलाधार बारिश की तरह उन पर नाज़िल करूँगा। 11 इसराईल पर इसलिए ज़ुल्म हो रहा है और उसका हक़ मारा जा रहा है कि वह बेमानी बुतों के पीछे भागने पर तुला हुआ है। 12 मैं इसराईल के लिए पीप और यहूदाह के लिए सड़ाहट का बाइस बनूँगा।
13 इसराईल ने अपनी बीमारी देखी और यहूदाह ने अपने नासूर पर ग़ौर किया। तब इसराईल ने असूर की तरफ़ रुजू किया और असूर के अज़ीम बादशाह को पैग़ाम भेजकर उससे मदद माँगी। लेकिन वह तुम्हें शफ़ा नहीं दे सकता, वह तुम्हारे नासूर का इलाज नहीं कर सकता।
14 क्योंकि मैं शेरबबर की तरह इसराईल पर टूट पड़ूँगा और जवान शेरबबर की तरह यहूदाह पर झपट पड़ूँगा। मैं उन्हें फाड़कर अपने साथ घसीट ले जाऊँगा, और कोई उन्हें नहीं बचाएगा। 15 फिर मैं अपने घर वापस जाकर उस वक़्त तक उनसे दूर रहूँगा जब तक वह अपना क़ुसूर तसलीम करके मेरे चेहरे को तलाश न करें। क्योंकि जब वह मुसीबत में फँस जाएंगे तब ही मुझे तलाश करेंगे।”
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