2 इस ख़ित्ते में एक प्लाट रब के घर के लिए मख़सूस होगा। उस की लंबाई भी 875 फ़ुट होगी और उस की चौड़ाई भी। उसके इर्दगिर्द खुली जगह होगी जिसकी चौड़ाई साढ़े 87 फ़ुट होगी। 3 ख़ित्ते का आधा हिस्सा अलग किया जाए। उस की लंबाई साढ़े 12 किलोमीटर और चौड़ाई 5 किलोमीटर होगी, और उसमें मक़दिस यानी मुक़द्दसतरीन जगह होगी। 4 यह ख़ित्ता मुल्क का मुक़द्दस इलाक़ा होगा। वह उन इमामों के लिए मख़सूस होगा जो मक़दिस में उस की ख़िदमत करते हैं। उसमें उनके घर और मक़दिस का मख़सूस प्लाट होगा।
5 ख़ित्ते का दूसरा हिस्सा उन बाक़ी लावियों को दिया जाएगा जो रब के घर में ख़िदमत करेंगे। यह उनकी मिलकियत होगी, और उसमें वह अपनी आबादियाँ बना सकेंगे। उस की लंबाई और चौड़ाई पहले हिस्से के बराबर होगी।
6 मुक़द्दस ख़ित्ते से मुलहिक़ एक और ख़ित्ता होगा जिसकी लंबाई साढ़े 12 किलोमीटर और चौड़ाई ढाई किलोमीटर होगी। यह एक ऐसे शहर के लिए मख़सूस होगा जिसमें कोई भी इसराईली रह सकेगा।
10 सहीह तराज़ू इस्तेमाल करो, तुम्हारे बाट और पैमाइश के आलात ग़लत न हों। 11 ग़ल्ला नापने का बरतन बनाम ऐफ़ा माए नापने के बरतन बनाम बत जितना बड़ा हो। दोनों के लिए कसौटी ख़ोमर है। एक ख़ोमर 10 ऐफ़ा और 10 बत के बराबर है। 12 तुम्हारे बाट यों हों कि 20 जीरह 1 मिस्क़ाल के बराबर और 60 मिस्क़ाल 1 माना के बराबर हों।
13 दर्जे-ज़ैल तुम्हारे बाक़ायदा हदिये हैं :
14 ज़ैतून का तेल : तुम्हारी फ़सल का 100वाँ हिस्सा (तेल को बत के हिसाब से नापना है। 10 बत 1 ख़ोमर और 1 कोर के बराबर है।),
15 200 भेड़-बकरियों में से एक।
16 लाज़िम है कि तमाम इसराईली यह हदिये मुल्क के हुक्मरान के हवाले करें। 17 हुक्मरान का फ़र्ज़ होगा कि वह नए चाँद की ईदों, सबत के दिनों और दीगर ईदों पर तमाम इसराईली क़ौम के लिए क़ुरबानियाँ मुहैया करे। इनमें भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ, गुनाह और सलामती की क़ुरबानियाँ और ग़ल्ला और मै की नज़रें शामिल होंगी। यों वह इसराईल का कफ़्फ़ारा देगा।
21 पहले महीने के चौधवें दिन फ़सह की ईद का आग़ाज़ हो। उसे सात दिन मनाओ, और उसके दौरान सिर्फ़ बेख़मीरी रोटी खाओ। 22 पहले दिन मुल्क का हुक्मरान अपने और तमाम क़ौम के लिए गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर एक बैल पेश करे। 23 नीज़, वह ईद के सात दिन के दौरान रोज़ाना सात बेऐब बैल और सात मेंढे भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर क़ुरबान करे और गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर एक एक बकरा पेश करे। 24 वह हर बैल और हर मेंढे के साथ साथ ग़ल्ला की नज़र भी पेश करे। इसके लिए वह फ़ी जानवर 16 किलोग्राम मैदा और 4 लिटर तेल मुहैया करे।
25 सातवें महीने [b] के पंद्रहवें दिन झोंपड़ियों की ईद शुरू होती है। हुक्मरान इस ईद पर भी सात दिन के दौरान वही क़ुरबानियाँ पेश करे जो फ़सह की ईद के लिए दरकार हैं यानी गुनाह की क़ुरबानियाँ, भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ, ग़ल्ला की नज़रें और तेल।
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