10 तुममें से जितने माहिर कारीगर हैं वह आकर वह कुछ बनाएँ जो रब ने फ़रमाया 11 यानी ख़ैमा और वह ग़िलाफ़ जो उसके ऊपर लगाए जाएंगे, हुकें, दीवारों के तख़्ते, शहतीर, सतून और पाए, 12 अहद का संदूक़, उसे उठाने की लकड़ियाँ, उसके कफ़्फ़ारे का ढकना, मुक़द्दसतरीन कमरे के दरवाज़े का परदा, 13 मख़सूस रोटियों की मेज़, उसे उठाने की लकड़ियाँ, उसका सारा सामान और रोटियाँ, 14 शमादान और उस पर रखने के चराग़ उसके सामान समेत, शमादान के लिए तेल, 15 बख़ूर जलाने की क़ुरबानगाह, उसे उठाने की लकड़ियाँ, मसह का तेल, ख़ुशबूदार बख़ूर, मुक़द्दस ख़ैमे के दरवाज़े का परदा, 16 जानवरों को चढ़ाने की क़ुरबानगाह, उसका पीतल का जंगला, उसे उठाने की लकड़ियाँ और बाक़ी सारा सामान, धोने का हौज़ और वह ढाँचा जिस पर हौज़ रखा जाता है, 17 चारदीवारी के परदे उनके खंबों और पाइयों समेत, सहन के दरवाज़े का परदा, 18 ख़ैमे और चारदीवारी की मेख़ें और रस्से, 19 और वह मुक़द्दस लिबास जो हारून और उसके बेटे मक़दिस में ख़िदमत करने के लिए पहनते हैं।”
20 यह सुनकर इसराईल की पूरी जमात मूसा के पास से चली गई। 21 और जो जो दिली ख़ुशी से देना चाहता था वह मुलाक़ात के ख़ैमे, उसके सामान या इमामों के कपड़ों के लिए कोई हदिया लेकर वापस आया। 22 रब के हदिये के लिए मर्द और ख़वातीन दिली ख़ुशी से अपने सोने के ज़ेवरात मसलन जड़ाऊ पिनें, बालियाँ और छल्ले ले आए। 23 जिस जिसके पास दरकार चीज़ों में से कुछ था वह उसे मूसा के पास ले आया यानी नीले, क़िरमिज़ी और अरग़वानी रंग का धागा, बारीक कतान, बकरी के बाल, मेंढों की सुर्ख़ रँगी हुई खालें और तख़स की खालें। 24 चाँदी, पीतल और कीकर की लकड़ी भी हदिये के तौर पर लाई गई। 25 और जितनी औरतें कातने में माहिर थीं वह अपनी काती हुई चीज़ें ले आईं यानी नीले, क़िरमिज़ी और अरग़वानी रंग का धागा और बारीक कतान। 26 इसी तरह जो जो औरत बकरी के बाल कातने में माहिर थी और दिली ख़ुशी से मक़दिस के लिए काम करना चाहती थी वह यह कातकर ले आई। 27 सरदार अक़ीक़े-अहमर और दीगर जवाहर ले आए जो इमामे-आज़म के बालापोश और सीने के कीसे के लिए दरकार थे। 28 वह शमादान, मसह के तेल और ख़ुशबूदार बख़ूर के लिए मसाले और ज़ैतून का तेल भी ले आए।
29 यों इसराईल के तमाम मर्द और ख़वातीन जो दिली ख़ुशी से रब को कुछ देना चाहते थे उस सारे काम के लिए हदिये ले आए जो रब ने मूसा की मारिफ़त करने को कहा था।