4 मूसा ने कहा, “रब फ़रमाता है, ‘आज आधी रात के वक़्त मैं मिसर में से गुज़रूँगा। 5 तब बादशाह के पहलौठे से लेकर चक्की पीसनेवाली नौकरानी के पहलौठे तक मिसरियों का हर पहलौठा मर जाएगा। चौपाइयों के पहलौठे भी मर जाएंगे। 6 मिसर की सरज़मीन पर ऐसा रोना पीटना होगा कि न माज़ी में कभी हुआ, न मुस्तक़बिल में कभी होगा। 7 लेकिन इसराईली और उनके जानवर बचे रहेंगे। कुत्ता भी उन पर नहीं भौंकेगा। इस तरह तुम जान लोगे कि रब इसराईलियों की निसबत मिसरियों से फ़रक़ सुलूक करता है’।” 8 मूसा ने यह कुछ फ़िरौन को बताया फिर कहा, “उस वक़्त आपके तमाम ओहदेदार आकर मेरे सामने झुक जाएंगे और मिन्नत करेंगे, ‘अपने पैरोकारों के साथ चले जाएँ।’ तब मैं चला ही जाऊँगा।” यह कहकर मूसा फ़िरौन के पास से चला गया। वह बड़े ग़ुस्से में था।
9 रब ने मूसा से कहा था, “फ़िरौन तुम्हारी नहीं सुनेगा। क्योंकि लाज़िम है कि मैं मिसर में अपनी क़ुदरत का मज़ीद इज़हार करूँ।” 10 गो मूसा और हारून ने फ़िरौन के सामने यह तमाम मोजिज़े दिखाए, लेकिन रब ने फ़िरौन को ज़िद्दी बनाए रखा, इसलिए उसने इसराईलियों को मुल्क छोड़ने न दिया।
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