2 मेरी तालीम बूँदा-बाँदी जैसी हो, मेरी बात शबनम की तरह ज़मीन पर पड़ जाए। वह बारिश की मानिंद हो जो हरियाली पर बरसती है।
3 मैं रब का नाम पुकारूँगा। हमारे ख़ुदा की अज़मत की तमजीद करो!
4 वह चट्टान है, और उसका काम कामिल है। उस की तमाम राहें रास्त हैं। वह वफ़ादार ख़ुदा है जिसमें फ़रेब नहीं है बल्कि जो आदिल और दियानतदार है।
6 ऐ मेरी अहमक़ और बेसमझ क़ौम, क्या तुम्हारा रब से ऐसा रवैया ठीक है? वह तो तुम्हारा बाप और ख़ालिक़ है, जिसने तुम्हें बनाया और क़ायम किया।
8 जब अल्लाह तआला ने हर क़ौम को उसका अपना अपना मौरूसी इलाक़ा देकर तमाम इनसानों को मुख़्तलिफ़ गुरोहों में अलग कर दिया तो उसने क़ौमों की सरहद्दें इसराईलियों की तादाद के मुताबिक़ मुक़र्रर कीं।
9 क्योंकि रब का हिस्सा उस की क़ौम है, याक़ूब को उसने मीरास में पाया है।
10 यह क़ौम उसे रेगिस्तान में मिल गई, वीरानो-सुनसान बयाबान में जहाँ चारों तरफ़ हौलनाक आवाज़ें गूँजती थीं। उसने उसे घेरकर उस की देख-भाल की, उसे अपनी आँख की पुतली की तरह बचाए रखा।
11 जब उक़ाब अपने बच्चों को उड़ना सिखाता है तो वह उन्हें घोंसले से निकालकर उनके साथ उड़ता है। अगर वह गिर भी जाएँ तो वह हाज़िर है और उनके नीचे अपने परों को फैलाकर उन्हें ज़मीन से टकरा जाने से बचाता है। रब का इसराईल के साथ यही सुलूक था।
12 रब ने अकेले ही उस की राहनुमाई की। किसी अजनबी माबूद ने शिरकत न की।
14 उसने उसे गाय की लस्सी और भेड़-बकरी का दूध चीदा भेड़ के बच्चों समेत खिलाया और उसे बसन के मोटे-ताज़े मेंढे, बकरे और बेहतरीन अनाज अता किया। उस वक़्त तू आला अंगूर की उम्दा मै से लुत्फ़अंदोज़ हुआ।
16 अपने अजनबी माबूदों से उन्होंने उस की ग़ैरत को जोश दिलाया, अपने घिनौने बुतों से उसे ग़ुस्सा दिलाया।
17 उन्होंने बदरूहों को क़ुरबानियाँ पेश कीं जो ख़ुदा नहीं हैं, ऐसे माबूदों को जिनसे न वह और न उनके बापदादा वाक़िफ़ थे, क्योंकि वह थोड़ी देर पहले वुजूद में आए थे।
19 रब ने यह देखकर उन्हें रद्द किया, क्योंकि वह अपने बेटे-बेटियों से नाराज़ था।
20 उसने कहा, “मैं अपना चेहरा उनसे छुपा लूँगा। फिर पता लगेगा कि मेरे बग़ैर उनका क्या अंजाम होता है। क्योंकि वह सरासर बिगड़ गए हैं, उनमें वफ़ादारी पाई नहीं जाती।
21 उन्होंने उस की परस्तिश से जो ख़ुदा नहीं है मेरी ग़ैरत को जोश दिलाया, अपने बेकार बुतों से मुझे ग़ुस्सा दिलाया है। चुनाँचे मैं ख़ुद ही उन्हें ग़ैरत दिलाऊँगा, एक ऐसी क़ौम के ज़रीए जो हक़ीक़त में क़ौम नहीं है। एक नादान क़ौम के ज़रीए मैं उन्हें ग़ुस्सा दिलाऊँगा।
22 क्योंकि मेरे ग़ुस्से से आग भड़क उठी है जो पाताल की तह तक पहुँचेगी और ज़मीन और उस की पैदावार हड़प करके पहाड़ों की बुनियादों को जला देगी।
24 भूक के मारे उनकी ताक़त जाती रहेगी, और वह बुख़ार और वबाई अमराज़ का लुक़मा बनेंगे। मैं उनके ख़िलाफ़ फाड़नेवाले जानवर और ज़हरीले साँप भेज दूँगा।
25 बाहर तलवार उन्हें बेऔलाद कर देगी, और घर में दहशत फैल जाएगी। शीरख़ार बच्चे, नौजवान लड़के-लड़कियाँ और बुज़ुर्ग सब उस की गिरिफ़्त में आ जाएंगे।
27 लेकिन अंदेशा था कि दुश्मन ग़लत मतलब निकालकर कहे, ‘हम ख़ुद उन पर ग़ालिब आए, इसमें रब का हाथ नहीं है’।”
28 क्योंकि यह क़ौम बेसमझ और हिकमत से ख़ाली है।
29 काश वह दानिशमंद होकर यह बात समझें! काश वह जान लें कि उनका क्या अंजाम है।
30 क्योंकि दुश्मन का एक आदमी किस तरह हज़ार इसराईलियों का ताक़्क़ुब कर सकता है? उसके दो मर्द किस तरह दस हज़ार इसराईलियों को भगा सकते हैं? वजह सिर्फ़ यह है कि उनकी चट्टान ने उन्हें दुश्मन के हाथ बेच दिया। रब ने ख़ुद उन्हें दुश्मन के क़ब्ज़े में कर दिया।
31 हमारे दुश्मन ख़ुद मानते हैं कि इसराईल की चट्टान हमारी चट्टान जैसी नहीं है।
32 उनकी बेल तो सदूम की बेल और अमूरा के बाग़ से है, उनके अंगूर ज़हरीले और उनके गुच्छे कड़वे हैं।
33 उनकी मै साँपों का मोहलक ज़हर है।
35 इंतक़ाम लेना मेरा ही काम है, मैं ही बदला लूँगा। एक वक़्त आएगा कि उनका पाँव फिसलेगा। क्योंकि उनकी तबाही का दिन क़रीब है, उनका अंजाम जल्द ही आनेवाला है।”
37 उस वक़्त वह पूछेगा, “अब उनके देवता कहाँ हैं, वह चट्टान जिसकी पनाह उन्होंने ली?
38 वह देवता कहाँ हैं जिन्होंने उनके बेहतरीन जानवर खाए और उनकी मै की नज़रें पी लीं। वह तुम्हारी मदद के लिए उठें और तुम्हें पनाह दें।
39 अब जान लो कि मैं और सिर्फ़ मैं ख़ुदा हूँ। मेरे सिवा कोई और ख़ुदा नहीं है। मैं ही हलाक करता और मैं ही ज़िंदा कर देता हूँ। मैं ही ज़ख़मी करता और मैं ही शफ़ा देता हूँ। कोई मेरे हाथ से नहीं बचा सकता।
41 जब मैं अपनी चमकती हुई तलवार को तेज़ करके अदालत के लिए पकड़ लूँगा तो अपने मुख़ालिफ़ों से इंतक़ाम और अपने नफ़रत करनेवालों से बदला लूँगा।
42 मेरे तीर ख़ून पी पीकर नशे में धुत हो जाएंगे, मेरी तलवार मक़तूलों और क़ैदियों के ख़ून और दुश्मन के सरदारों के सरों से सेर हो जाएगी।”