3 कोई भी मकरूह चीज़ न खाना।
4 तुम बैल, भेड़-बकरी, 5 हिरन, ग़ज़ाल, मृग, [a] पहाड़ी बकरी, महात, [b] ग़ज़ाले-अफ़्रीक़ा [c] और पहाड़ी बकरी खा सकते हो। 6 जिनके खुर या पाँव बिलकुल चिरे हुए हैं और जो जुगाली करते हैं उन्हें खाने की इजाज़त है। 7 ऊँट, बिज्जू या ख़रगोश खाना मना है। वह तुम्हारे लिए नापाक हैं, क्योंकि वह जुगाली तो करते हैं लेकिन उनके खुर या पाँव चिरे हुए नहीं हैं। 8 सुअर न खाना। वह तुम्हारे लिए नापाक है, क्योंकि उसके खुर तो चिरे हुए हैं लेकिन वह जुगाली नहीं करता। न उनका गोश्त खाना, न उनकी लाशों को छूना।
9 पानी में रहनेवाले जानवर खाने के लिए जायज़ हैं अगर उनके पर और छिलके हों। 10 लेकिन जिनके पर या छिलके नहीं हैं वह तुम्हारे लिए नापाक हैं।
11 तुम हर पाक परिंदा खा सकते हो। 12 लेकिन ज़ैल के परिंदे खाना मना है : उक़ाब, दढ़ियल गिद्ध, काला गिद्ध, 13 लाल चील, काली चील, हर क़िस्म का गिद्ध, 14 हर क़िस्म का कौवा, 15 उक़ाबी उल्लू, छोटे कानवाला उल्लू, बड़े कानवाला उल्लू, हर क़िस्म का बाज़, 16 छोटा उल्लू, चिंघाड़नेवाला उल्लू, सफ़ेद उल्लू, 17 दश्ती उल्लू, मिसरी गिद्ध, क़ूक़, 18 लक़लक़, हर क़िस्म का बूतीमार, हुदहुद और चमगादड़। [d]
19 तमाम पर रखनेवाले कीड़े तुम्हारे लिए नापाक हैं। उन्हें खाना मना है। 20 लेकिन तुम हर पाक परिंदा खा सकते हो।
21 जो जानवर ख़ुद बख़ुद मर जाए उसे न खाना। तू उसे अपनी आबादी में रहनेवाले किसी परदेसी को दे या किसी अजनबी को बेच सकता है और वह उसे खा सकता है। लेकिन तू उसे मत खाना, क्योंकि तू रब अपने ख़ुदा के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस क़ौम है।
24 लेकिन हो सकता है कि जो जगह रब तेरा ख़ुदा अपने नाम की सुकूनत के लिए चुनेगा वह तेरे घर से हद से ज़्यादा दूर हो और रब तेरे ख़ुदा की बरकत के बाइस मज़कूरा दसवाँ हिस्सा इतना ज़्यादा हो कि तू उसे मक़दिस तक नहीं पहुँचा सकता। 25 इस सूरत में उसे बेचकर उसके पैसे उस जगह ले जा जो रब तेरा ख़ुदा अपने नाम की सुकूनत के लिए चुनेगा। 26 वहाँ पहुँचकर उन पैसों से जो जी चाहे ख़रीदना, ख़ाह गाय-बैल, भेड़-बकरी, मै या मै जैसी कोई और चीज़ क्यों न हो। फिर अपने घराने के साथ मिलकर रब अपने ख़ुदा के हुज़ूर यह चीज़ें खाना और ख़ुशी मनाना। 27 ऐसे मौक़ों पर उन लावियों का ख़याल रखना जो तेरे क़बायली इलाक़े में रहते हैं, क्योंकि उन्हें मीरास में ज़मीन नहीं मिलेगी।
28 हर तीसरे साल अपनी पैदावार का दसवाँ हिस्सा अपने शहरों में जमा करना। 29 उसे लावियों को देना जिनके पास मौरूसी ज़मीन नहीं है, नीज़ अपने शहरों में आबाद परदेसियों, यतीमों और बेवाओं को देना। वह आएँ और खाना खाकर सेर हो जाएँ ताकि रब तेरा ख़ुदा तेरे हर काम में बरकत दे।
<- इस्तिसना 13इस्तिसना 15 ->- a यह हिरन के मुशाबेह होता है लेकिन फ़ितरतन मुख़्तलिफ़ होता है। इसके सींग खोखले, बेशाख़ और अनझड़ होते हैं। antelope। याद रहे कि क़दीम ज़माने के इन जानवरों के अकसर नाम मतरूक हैं या उनका मतलब बदल गया है, इसलिए उनका मुख़्तलिफ़ तरजुमा हो सकता है।
- b महात। दराज़क़द हिरनों की एक नौ जिसके सींग चक्करदार होते हैं। addax।
- c ग़ज़ाले-अफ़्रीक़ा। चिकारों की तीन इक़साम में से कोई जो अपने लंबे और हलक़ादार सींगों की वजह से मुमताज़ है। oryx।
- d याद रहे कि क़दीम ज़माने के इन परिंदों के अकसर नाम मतरूक हैं या उनका मतलब बदल गया है, इसलिए उनका मुख़्तलिफ़ तरजुमा हो सकता है।