17 मेरे भाइयो, मैं जानता हूँ कि आप और आपके राहनुमाओं को सहीह इल्म नहीं था, इसलिए आपने ऐसा किया। 18 लेकिन अल्लाह ने वह कुछ पूरा किया जिसकी पेशगोई उसने तमाम नबियों की मारिफ़त की थी, यानी यह कि उसका मसीह दुख उठाएगा। 19 अब तौबा करें और अल्लाह की तरफ़ रुजू लाएँ ताकि आपके गुनाहों को मिटाया जाए। 20 फिर आपको रब के हुज़ूर से ताज़गी के दिन मुयस्सर आएँगे और वह दुबारा ईसा यानी मसीह को भेज देगा जिसे आपके लिए मुक़र्रर किया गया है। 21 लाज़िम है कि वह उस वक़्त तक आसमान पर रहे जब तक अल्लाह सब कुछ बहाल न कर दे, जिस तरह वह इब्तिदा से अपने मुक़द्दस नबियों की ज़बानी फ़रमाता आया है। 22 क्योंकि मूसा ने कहा, ‘रब तुम्हारा ख़ुदा तुम्हारे वास्ते तुम्हारे भाइयों में से मुझ जैसे नबी को बरपा करेगा। जो भी बात वह कहे उस की सुनना। 23 जो नहीं सुनेगा उसे मिटाकर क़ौम से निकाल दिया जाएगा।’ 24 और समुएल से लेकर हर नबी ने इन दिनों की पेशगोई की है। 25 आप तो इन नबियों की औलाद और उस अहद के वारिस हैं जो अल्लाह ने आपके बापदादा से क़ायम किया था, क्योंकि उसने इब्राहीम से कहा था, ‘तेरी औलाद से दुनिया की तमाम क़ौमें बरकत पाएँगी।’ 26 जब अल्लाह ने अपने बंदे ईसा को बरपा किया तो पहले उसे आपके पास भेज दिया ताकि वह आपमें से हर एक को उस की बुरी राहों से फेरकर बरकत दे।”
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