2 तीमुथियुस
1 यह ख़त पौलुस की तरफ़ से है जो अल्लाह की मरज़ी से मसीह ईसा का रसूल है ताकि उस वादा की हुई ज़िंदगी का पैग़ाम सुनाए जो हमें मसीह ईसा में हासिल होती है।
2 मैं अपने प्यारे बेटे तीमुथियुस को लिख रहा हूँ।
8 इसलिए हमारे ख़ुदावंद के बारे में गवाही देने से न शर्माएँ, न मुझसे जो मसीह की ख़ातिर क़ैदी हूँ। इसके बजाए मेरे साथ अल्लाह की क़ुव्वत से मदद लेकर उस की ख़ुशख़बरी की ख़ातिर दुख उठाएँ। 9 क्योंकि उसने हमें नजात देकर मुक़द्दस ज़िंदगी गुज़ारने के लिए बुलाया। और यह चीज़ें हमें अपनी मेहनत से नहीं मिलीं बल्कि अल्लाह के इरादे और फ़ज़ल से। यह फ़ज़ल ज़मानों की इब्तिदा से पहले हमें मसीह में दिया गया 10 लेकिन अब हमारे नजातदहिंदा मसीह ईसा की आमद से ज़ाहिर हुआ। मसीह ही ने मौत को नेस्त कर दिया। उसी ने अपनी ख़ुशख़बरी के ज़रीए लाफ़ानी ज़िंदगी रौशनी में लाकर हम पर ज़ाहिर कर दी है।
11 अल्लाह ने मुझे यही ख़ुशख़बरी सुनाने के लिए मुनाद, रसूल और उस्ताद मुक़र्रर किया है। 12 इसी वजह से मैं दुख उठा रहा हूँ। तो भी मैं शर्माता नहीं, क्योंकि मैं उसे जानता हूँ जिस पर में ईमान लाया हूँ, और मुझे पूरा यक़ीन है कि जो कुछ मैंने उसके हवाले कर दिया है उसे वह अपनी आमद के दिन तक महफ़ूज़ रखने के क़ाबिल है। 13 उन सेहतबख़्श बातों के मुताबिक़ चलते रहें जो आपने मुझसे सुन ली हैं, और यों ईमान और मुहब्बत के साथ मसीह ईसा में ज़िंदगी गुज़ारें। 14 जो बेशक़ीमत चीज़ आपके हवाले कर दी गई है उसे रूहुल-क़ुद्स की मदद से जो हममें सुकूनत करता है महफ़ूज़ रखें।
15 आपको मालूम है कि सूबा आसिया में तमाम लोगों ने मुझे तर्क कर दिया है। इनमें फ़ूगिलुस और हिरमुगिनेस भी शामिल हैं। 16 ख़ुदावंद उनेसिफ़ुरुस के घराने पर रहम करे, क्योंकि उसने कई दफ़ा मुझे तरो-ताज़ा किया। हाँ, वह इससे कभी न शर्माया कि मैं क़ैदी हूँ। 17 बल्कि जब वह रोम शहर पहुँचा तो बड़ी कोशिशों से मेरा खोज लगाकर मुझे मिला। 18 ख़ुदावंद करे कि वह क़ियामत के दिन ख़ुदावंद से रहम पाए। आप ख़ुद बेहतर जानते हैं कि उसने इफ़िसुस में कितनी ख़िदमत की।
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