9 सौ सौ सिपाहियों पर मुक़र्रर अफ़सरों ने ऐसा ही किया। अगले सबत के दिन वह सब अपने फ़ौजियों समेत यहोयदा इमाम के पास आए। वह भी आए जो ड्यूटी पर थे और वह भी जिनकी अब छुट्टी थी। 10 इमाम ने अफ़सरों को दाऊद बादशाह के वह नेज़े और ढालें दीं जो अब तक रब के घर में महफ़ूज़ रखी हुई थीं। 11 फिर मुहाफ़िज़ हथियारों को हाथ में पकड़े बादशाह के गिर्द खड़े हो गए। क़ुरबानगाह और रब के घर के दरमियान उनका दायरा रब के घर की जुनूबी दीवार से लेकर उस की शिमाली दीवार तक फैला हुआ था। 12 फिर यहोयदा बादशाह के बेटे युआस को बाहर लाया और उसके सर पर ताज रखकर उसे क़वानीन की किताब दे दी। यों युआस को बादशाह बना दिया गया। उन्होंने उसे मसह करके तालियाँ बजाईं और बुलंद आवाज़ से नारा लगाने लगे, “बादशाह ज़िंदाबाद!”
13 जब मुहाफ़िज़ों और बाक़ी लोगों का शोर अतलियाह तक पहुँचा तो वह रब के घर के सहन में उनके पास आई। 14 वहाँ पहुँचकर वह क्या देखती है कि नया बादशाह उस सतून के पास खड़ा है जहाँ बादशाह रिवाज के मुताबिक़ खड़ा होता है, और वह अफ़सरों और तुरम बजानेवालों से घिरा हुआ है। तमाम उम्मत भी साथ खड़ी तुरम बजा बजाकर ख़ुशी मना रही है। अतलियाह रंजिश के मारे अपने कपड़े फाड़कर चीख़ उठी, “ग़द्दारी, ग़द्दारी!”
15 यहोयदा इमाम ने सौ सौ फ़ौजियों पर मुक़र्रर उन अफ़सरों को बुलाया जिनके सुपुर्द फ़ौज की गई थी और उन्हें हुक्म दिया, “उसे बाहर ले जाएँ, क्योंकि मुनासिब नहीं कि उसे रब के घर के पास मारा जाए। और जो भी उसके पीछे आए उसे तलवार से मार देना।”
16 वह अतलियाह को पकड़कर उस रास्ते पर ले गए जिस पर चलते हुए घोड़े महल के पास पहुँचते हैं। वहाँ उसे मार दिया गया। 17 फिर यहोयदा ने बादशाह और क़ौम के साथ मिलकर रब से अहद बाँधकर वादा किया कि हम रब की क़ौम रहेंगे। इसके अलावा बादशाह ने यहोयदा की मारिफ़त क़ौम से भी अहद बाँधा। 18 इसके बाद उम्मत के तमाम लोग बाल के मंदिर पर टूट पड़े और उसे ढा दिया। उस की क़ुरबानगाहों और बुतों को टुकड़े टुकड़े करके उन्होंने बाल के पुजारी मत्तान को क़ुरबानगाहों के सामने ही मार डाला।