7 अव्वल तो आपसे यह ग़लती हुई कि आप एक दूसरे से मुक़दमाबाज़ी करते हैं। अगर कोई आपसे नाइनसाफ़ी कर रहा हो तो क्या बेहतर नहीं कि आप उसे ऐसा करने दें? और अगर कोई आपको ठग रहा हो तो क्या यह बेहतर नहीं कि आप उसे ठगने दें? 8 इसके बरअक्स आपका यह हाल है कि आप ख़ुद ही नाइनसाफ़ी करते और ठगते हैं और वह भी अपने भाइयों को। 9 क्या आप नहीं जानते कि नाइनसाफ़ अल्लाह की बादशाही मीरास में नहीं पाएँगे? फ़रेब न खाएँ! हरामकार, बुतपरस्त, ज़िनाकार, हमजिंसपरस्त, लौंडेबाज़, 10 चोर, लालची, शराबी, बदज़बान, लुटेरे, यह सब अल्लाह की बादशाही मीरास में नहीं पाएँगे। 11 आपमें से कुछ ऐसे थे भी। लेकिन आपको धोया गया, आपको मुक़द्दस किया गया, आपको ख़ुदावंद ईसा मसीह के नाम और हमारे ख़ुदा के रूह से रास्तबाज़ बनाया गया है।
15 क्या आप नहीं जानते कि आपके जिस्म मसीह के आज़ा हैं? तो क्या मैं मसीह के आज़ा को लेकर फ़ाहिशा के आज़ा बनाऊँ? हरगिज़ नहीं। 16 क्या आपको मालूम नहीं कि जो फ़ाहिशा से लिपट जाता है वह उसके साथ एक तन हो जाता है? जैसे पाक नविश्तों में लिखा है, “वह दोनों एक हो जाते हैं।” 17 इसके बरअक्स जो ख़ुदावंद से लिपट जाता है वह उसके साथ एक रूह हो जाता है।
18 ज़िनाकारी से भागें! इनसान से सरज़द होनेवाला हर गुनाह उसके जिस्म से बाहर होता है सिवाए ज़िना के। ज़िनाकार तो अपने ही जिस्म का गुनाह करता है। 19 क्या आप नहीं जानते कि आपका बदन रूहुल-क़ुद्स का घर है जो आपके अंदर सुकूनत करता है और जो आपको अल्लाह की तरफ़ से मिला है? आप अपने मालिक नहीं हैं 20 क्योंकि आपको क़ीमत अदा करके ख़रीदा गया है। अब अपने बदन से अल्लाह को जलाल दें।
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