6 यह सुनकर वहाँ हाज़िर ख़ानदानी सरपरस्तों, क़बीलों के बुज़ुर्गों, हज़ार हज़ार और सौ सौ फ़ौजियों पर मुक़र्रर अफ़सरों और बादशाह के आला सरकारी अफ़सरों ने ख़ुशी से काम के लिए हदिये दिए। 7 उस दिन रब के घर के लिए तक़रीबन 1,70,000 किलोग्राम सोना, सोने के 10,000 सिक्के, 3,40,000 किलोग्राम चाँदी, 6,10,000 किलोग्राम पीतल और 34,00,000 किलोग्राम लोहा जमा हुआ। 8 जिसके पास जवाहर थे उसने उन्हें यहियेल जैरसोनी के हवाले कर दिया जो ख़ज़ानची था और जिसने उन्हें रब के घर के ख़ज़ाने में महफ़ूज़ कर लिया। 9 पूरी क़ौम इस फ़राख़दिली को देखकर ख़ुश हुई, क्योंकि सबने दिली ख़ुशी और फ़ैयाज़ी से अपने हदिये रब को पेश किए। दाऊद बादशाह भी निहायत ख़ुश हुआ।
14 मेरी और मेरी क़ौम की क्या हैसियत है कि हम इतनी फ़ैयाज़ी से यह चीज़ें दे सके? आख़िर हमारी तमाम मिलकियत तेरी तरफ़ से है। जो कुछ भी हमने तुझे दे दिया वह हमें तेरे हाथ से मिला है। 15 अपने बापदादा की तरह हम भी तेरे नज़दीक परदेसी और ग़ैरशहरी हैं। दुनिया में हमारी ज़िंदगी साये की तरह आरिज़ी है, और मौत से बचने की कोई उम्मीद नहीं। 16 ऐ रब हमारे ख़ुदा, हमने यह सारा तामीरी सामान इसलिए इकट्ठा किया है कि तेरे मुक़द्दस नाम के लिए घर बनाया जाए। लेकिन हक़ीक़त में यह सब कुछ पहले से तेरे हाथ से हासिल हुआ है। यह पहले से तेरा ही है। 17 ऐ मेरे ख़ुदा, मैं जानता हूँ कि तू इनसान का दिल जाँच लेता है, कि दियानतदारी तुझे पसंद है। जो कुछ भी मैंने दिया है वह मैंने ख़ुशी से और अच्छी नीयत से दिया है। अब मुझे यह देखकर ख़ुशी है कि यहाँ हाज़िर तेरी क़ौम ने भी इतनी फ़ैयाज़ी से तुझे हदिये दिए हैं।
18 ऐ रब हमारे बापदादा इब्राहीम, इसहाक़ और इसराईल के ख़ुदा, गुज़ारिश है कि तू हमेशा तक अपनी क़ौम के दिलों में ऐसी ही तड़प क़ायम रख। अता कर कि उनके दिल तेरे साथ लिपटे रहें। 19 मेरे बेटे सुलेमान की भी मदद कर ताकि वह पूरे दिलो-जान से तेरे अहकाम और हिदायात पर अमल करे और उस महल को तकमील तक पहुँचा सके जिसके लिए मैंने तैयारियाँ की हैं।”
20 फिर दाऊद ने पूरी जमात से कहा, “आएँ, रब अपने ख़ुदा की सताइश करें!” चुनाँचे सब रब अपने बापदादा के ख़ुदा की तमजीद करके रब और बादशाह के सामने मुँह के बल झुक गए।
21 अगले दिन तमाम इसराईल के लिए भस्म होनेवाली बहुत-सी क़ुरबानियाँ उनकी मै की नज़रों समेत रब को पेश की गईं। इसके लिए 1,000 जवान बैलों, 1,000 मेंढों और 1,000 भेड़ के बच्चों को चढ़ाया गया। साथ साथ ज़बह की बेशुमार क़ुरबानियाँ भी पेश की गईं। 22 उस दिन उन्होंने रब के हुज़ूर खाते-पीते हुए बड़ी ख़ुशी मनाई। फिर उन्होंने दुबारा इसकी तसदीक़ की कि दाऊद का बेटा सुलेमान हमारा बादशाह है। तेल से उसे मसह करके उन्होंने उसे रब के हुज़ूर बादशाह और सदोक़ को इमाम क़रार दिया।
29 बाक़ी जो कुछ दाऊद की हुकूमत के दौरान हुआ वह तीनों किताबों ‘समुएल ग़ैबबीन की तारीख़,’ ‘नातन नबी की तारीख़’ और ‘जाद ग़ैबबीन की तारीख़’ में दर्ज है। 30 इनमें उस की हुकूमत और असरो-रसूख़ की तफ़सीलात बयान की गई हैं, नीज़ वह कुछ जो उसके साथ, इसराईल के साथ और गिर्दो-नवाह के ममालिक के साथ हुआ।
<- 1 तवारीख़ 28- a carnelian