6 यह ज़िम्मादारियाँ तक़सीम करने के लिए इलियज़र और इतमर की औलाद बारी बारी क़ुरा डालते रहे। क़ुरा डालते वक़्त बादशाह, इसराईल के बुज़ुर्ग, सदोक़ इमाम, अख़ीमलिक बिन अबियातर और इमामों और लावियों के ख़ानदानी सरपरस्त हाज़िर थे। मीरमुंशी समायाह बिन नतनियेल ने जो ख़ुद लावी था ख़िदमत के इन गुरोहों की फ़हरिस्त ज़ैल की तरतीब से लिख ली जिस तरह वह क़ुरा डालने से मुक़र्रर किए गए,
7 1. यहूयरीब,
8 3. हारिम,
9 5. मलकियाह,
10 7. हक़्क़ूज़,
11 9. यशुअ,
12 11. इलियासिब,
13 13. ख़ुफ़्फ़ाह,
14 15. बिलजा,
15 17. ख़ज़ीर,
16 19. फ़तहियाह,
17 21. यकीन,
18 23. दिलायाह,
19 इमामों को इसी तरतीब के मुताबिक़ रब के घर में आकर अपनी ख़िदमत सरंजाम देनी थी, उन हिदायात के मुताबिक़ जो रब इसराईल के ख़ुदा ने उन्हें उनके बाप हारून की मारिफ़त दी थीं।
21 रहबियाह की औलाद में से यिस्सियाह सरपरस्त था,
22 इज़हार की औलाद में से सलूमीत,
23 हबरून की औलाद में से बड़े से लेकर छोटे तक यरियाह, अमरियाह, यहज़ियेल और यक़मियाम,
24 उज़्ज़ियेल की औलाद में से मीकाह,
25 मीकाह का भाई यिस्सियाह,
26 मिरारी की औलाद में से महली और मूशी,
27 मिरारी के बेटे याज़ियाह की औलाद में से सूहम, ज़क्कूर और इबरी,
28-29 महली की औलाद में से इलियज़र और क़ीस। इलियज़र बेऔलाद था जबकि क़ीस के हाँ यरहमियेल पैदा हुआ।
30 मूशी की औलाद में से महली, इदर और यरीमोत भी लावियों के इन मज़ीद ख़ानदानी सरपरस्तों में शामिल थे।
31 इमामों की तरह उनकी ज़िम्मादारियाँ भी क़ुरा-अंदाज़ी से मुक़र्रर की गईं। इस सिलसिले में सबसे छोटे भाई के ख़ानदान के साथ और सबसे बड़े भाई के ख़ानदान के साथ सुलूक बराबर था। इस काररवाई के लिए भी दाऊद बादशाह, सदोक़, अख़ीमलिक और इमामों और लावियों के ख़ानदानी सरपरस्त हाज़िर थे।
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