5 फ़ारस के दो बेटे हसरोन और हमूल थे।
6 ज़ारह के पाँच बेटे ज़िमरी, ऐतान, हैमान, कलकूल और दारा थे। 7 करमी बिन ज़िमरी का बेटा वही अकर यानी अकन था जिसने उस लूटे हुए माल में से कुछ लिया जो रब के लिए मख़सूस था। 8 ऐतान के बेटे का नाम अज़रियाह था।
9 हसरोन के तीन बेटे यरहमियेल, राम और कलूबी यानी कालिब थे।
21 60 साल की उम्र में कालिब के बाप हसरोन ने दुबारा शादी की। बीवी जिलियाद के बाप मकीर की बेटी थी। इस रिश्ते से बेटा सजूब पैदा हुआ। 22-23 सजूब का बेटा वह याईर था जिसकी जिलियाद के इलाक़े में 23 बस्तियाँ बनाम ‘याईर की बस्तियाँ’ थीं। लेकिन बाद में जसूर और शाम के फ़ौजियों ने उन पर क़ब्ज़ा कर लिया। उस वक़्त उन्हें क़नात भी गिर्दो-नवाह के इलाक़े समेत हासिल हुआ। उन दिनों में कुल 60 आबादियाँ उनके हाथ में आ गईं। इनके तमाम बाशिंदे जिलियाद के बाप मकीर की औलाद थे। 24 हसरोन जिसकी बीवी अबियाह थी फ़ौत हुआ तो कालिब और इफ़राता के हाँ बेटा अशहूर पैदा हुआ। बाद में अशहूर तक़ुअ शहर का बानी बन गया।
27 यरहमियेल के पहलौठे राम के बेटे माज़, यमीन और एक़र थे। 28 ओनाम के दो बेटे सम्मी और यदा थे। सम्मी के दो बेटे नदब और अबीसूर थे। 29 अबीसूर की बीवी अबीख़ैल के दो बेटे अख़बान और मोलिद पैदा हुए। 30 नदब के दो बेटे सिलद और अफ़्फ़ायम थे। सिलद बेऔलाद मर गया, 31 लेकिन अफ़्फ़ायम के हाँ बेटा यिसई पैदा हुआ। यिसई सीसान का और सीसान अख़ली का बाप था। 32 सम्मी के भाई यदा के दो बेटे यतर और यूनतन थे। यतर बेऔलाद मर गया, 33 लेकिन यूनतन के दो बेटे फ़लत और ज़ाज़ा पैदा हुए। सब यरहमियेल की औलाद थे। 34-35 सीसान के बेटे नहीं थे बल्कि बेटियाँ। एक बेटी की शादी उसने अपने मिसरी ग़ुलाम यरख़ा से करवाई। उनके बेटा अत्ती पैदा हुआ। 36 अत्ती के हाँ नातन पैदा हुआ और नातन के ज़बद, 37 ज़बद के इफ़लाल, इफ़लाल के ओबेद, 38 ओबेद के याहू, याहू के अज़रियाह, 39 अज़रियाह के ख़लिस, ख़लिस के इलियासा, 40 इलियासा के सिसमी, सिसमी के सल्लूम, 41 सल्लूम के यक़मियाह और यक़मियाह के इलीसमा।
46 कालिब की दाश्ता ऐफ़ा के बेटे हारान, मौज़ा और जाज़िज़ पैदा हुए। हारान के बेटे का नाम जाज़िज़ था। 47 यहदी के बेटे रजम, यूताम, जेसान, फ़लत, ऐफ़ा और शाफ़ थे।
48 कालिब की दूसरी दाश्ता माका के बेटे शिबर, तिर्हना, 49 शाफ़ (मदमन्ना का बाप) और सिवा (मकबेना और जिबिया का बाप) पैदा हुए। कालिब की एक बेटी भी थी जिसका नाम अकसा था। 50 सब कालिब की औलाद थे।
54 सलमा से ज़ैल के घराने निकले : बैत-लहम के बाशिंदे, नतूफ़ाती, अतरात-बैत-योआब, मानहत का आधा हिस्सा, सुरई 55 और याबीज़ में आबाद मुन्शियों के ख़ानदान तिरआती, सिमआती और सूकाती। यह सब क़ीनी थे जो रैकाबियों के बाप हम्मत से निकले थे।
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