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1 ऐ ख़ुदावन्द! मेरा दिल मग़रूर नहीं
और मै बुलंद नज़र नहीं हूँ
न मुझे बड़े बड़े मु'आमिलो से कोई सरोकार है,
न उन बातों से जो मेरी समझ से बाहर हैं,
2 यक़ीनन मैंने अपने दिल को तिस्कीन देकर मुत्मइन कर दिया है,
मेरा दिल मुझ में दूध छुड़ाए हुए बच्चे की तरह है;
हाँ, जैसे दूध छुड़ाया हुआ बच्चा माँ की गोद में।