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1 मुबारक है हर एक जो ख़ुदावन्द से डरता,
और उसकी राहों पर चलता है।
2 तू अपने हाथों की कमाई खाएगा;
तू मुबारक और फ़र्माबरदार होगा।
3 तेरी बीवी तेरे घर के अन्दर मेवादार ताक की तरह होगी,
और तेरी औलाद तेरे दस्तरख़्वान पर ज़ैतून के पौदों की तरह।
4 देखो! ऐसी बरकत उसी आदमी को मिलेगी,
जो ख़ुदावन्द से डरता है।
5 ख़ुदावन्द सिय्यून में से तुझ को बरकत दे,
और तू उम्र भर येरूशलेम की भलाई देखे।
6 बल्कि तू अपने बच्चों के बच्चे देखे।