4 ऐ औलाद वालो! तुम अपने फ़र्ज़न्दों को ग़ुस्सा न दिलाओ, बल्कि ख़ुदावन्द की तरफ़ से तरबियत और नसीहत दे देकर उनकी परवरिश करो।
5 ऐ नौकरों! जो जिस्मानी तौर से तुम्हारे मालिक हैं, अपनी साफ़ दिली से डरते और काँपते हुए उनके ऐसे फ़रमाबरदार रहो जैसे मसीह के; 6 और आदमियों को ख़ुश करनेवालों की तरह दिखावे के लिए ख़िदमत न करो, बल्कि मसीह के बन्दों की तरह दिल से ख़ुदा की मर्ज़ी पूरी करो। 7 और ख़िदमत को आदमियों की नहीं बल्कि ख़ुदावन्द की जान कर, जी से करो। 8 क्यूँकि, तुम जानते हो कि जो कोई जैसा अच्छा काम करेगा, चाहे ग़ुलाम हो या चाहे आज़ाद, ख़ुदावन्द से वैसा ही पाएगा।
9 और ऐ मलिको! तुम भी धमकियाँ छोड़ कर उनके साथ ऐसा सुलूक करो; क्यूँकि तुम जानते हो उनका और तुम्हारा दोनों का मालिक आसमान पर है, और वो किसी का तरफ़दार नहीं।
10 ग़रज़ ख़ुदावन्द में और उसकी क़ुदरत के ज़ोर में मज़बूत बनो। 11 ख़ुदा के सब हथियार बाँध लो ताकि तुम इब्लीस के इरादों के मुक़ाबिले में क़ाईम रह सको।
12 क्यूँकि हमें ख़ून और गोश्त से कुश्ती नहीं करना है, बल्कि हुकूमतवालों और इख़्तियार वालों और इस दुनियाँ की तारीकी के हाकिमों और शरारत की उन रूहानी फ़ौजों से जो आसमानी मुक़ामों में है। 13 इस वास्ते ख़ुदा के सब हथियार बाँध लो ताकि बुरे दिन में मुक़ाबिला कर सको, और सब कामों को अंजाम देकर क़ाईम रह सको।
14 पस सच्चाई से अपनी कमर कसकर, और रास्तबाज़ी का बख़्तर लगाकर, 15 और पाँव में सुलह की ख़ुशख़बरी की तैयारी के जूते पहन कर, 16 और उन सब के साथ ईमान की सिपर लगा कर क़ाईम रहो, जिससे तुम उस शरीर के सब जलते हुए तीरों को बुझा सको;
17 और नजात का टोप, और रूह की तलवार, जो ख़ुदा का कलाम है ले लो; 18 और हर वक़्त और हर तरह से रूह में दुआ और मिन्नत करते रहो, और इसी ग़रज़ से जागते रहो कि सब मुक़द्दसों के वास्ते बिला नाग़ा दुआ किया करो,
19 और मेरे लिए भी ताकि बोलने के वक़्त मुझे कलाम करने की तौफ़ीक़ हो, जिससे मैं ख़ुशख़बरी के राज़ को दिलेरी से ज़ाहिर करूँ, 20 जिसके लिए ज़ंजीर से जकड़ा हुआ एल्ची हूँ, और उसको ऐसी दिलेरी से बयान करूँ जैसा बयान करना मुझ पर फ़र्ज़ है।
21 तुख़िकुस जो प्यारा भाई ख़ुदावन्द में दियानतदार ख़ादिम है, तुम्हें सब बातें बता देगा ताकि तुम भी मेरे हाल से वाक़िफ़ हो जाओ कि मैं किस तरह रहता हूँ। 22 उसको मैं ने तुम्हारे पास इसी वास्ते भेजा है कि तुम हमारी हालत से वाक़िफ़ हो जाओ और वो तुम्हारे दिलों को तसल्ली दे।
23 ख़ुदा बाप और ख़ुदावन्द ईसा मसीह की तरफ़ से भाइयों को इत्मीनान हासिल हो, और उनमें ईमान के साथ मुहब्बत हो। 24 जो हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह से लाज़वाल मुहब्बत रखते हैं, उन सब पर फ़ज़ल होता रहे।
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