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आमूस
मुसन्निफ़ की पहचान
आमूस 1:1 आमूस को किताब का मुसन्निफ़ बतौर पहचानती है और साथ ही नबी बतौर भी। आमूस नबी तक़ूअ नाम गांव में चरवाहों की जमाअत के बीच रहा करता था। आमोस नबी ने अपनी तहरीर में यह बात साफ़ करी कि वह नबियों के ख़ान्दान से नहीं आया था। ख़ुदा ने अपने अदालत की धम्की टिड्डियों और आग से दी मगर आमोस की दुआओं ने इस्राईल को दरगुज़र कर दिया।
लिखे जाने की तारीख़ और जगह
इसके तस्नीफ़ की तारीख़ तक़रीबन 760 - 750 क़ब्ल मसही के बीच है।
आमोस नबी ने इस्राईल सल्तनत के शुमाली इलाक़े से यानी बैतेल और सामरिया से मनादी की।
क़बूल कुनिन्दा पाने वाले
आमूस के असली नाज़रीन व सामईन इस्राईल के शुमाली सल्तनत के लोग और मुस्तक़बिल के कलाम के क़रिईन हैं।
असल मक़सूद
ख़ुदा घमण्ड से नफ़रत करता है। लोगों ने अपनी ख़ुद आसूदगी पर एत्क़ाद किया और ख़ुदा की तमाम बर्कतों को भूल गए। ख़ुदा भी तमाम अपने लोगों की क़ीमत रखता है। वह ग़रीबों की बद सुलूकी के खि़लाफ़ उन्हें ख़बरदार और होशियार करता है। आखि़र में ख़ुदा उन से पुरख़ुलूस इबादत तलब करता है ऐसे बर्ताव के साथ जिस से उसको इज़्ज़त मिले। आमूस का कलाम बराह — ए — रास्त बनी इस्राईल के उन हक़ याफ़्ता लोगों के खि़लाफ़ पहुंचा जिन के दिलों में अपने पड़ोसियों के लिए प्यार नहीं था। इसके मुक़ाबले में वह दूसरों का फ़ाइदा उठाने वाले लोग थे। और सिर्फ़ अपने भले के लिए ही सोचते थे।
मौज़’अ
अदालत
बैरूनी ख़ाका
1. क़ौमों पर बर्बादी — 1:1-2:16
2. नबुव्वत की बुलाहट — 3:1-8
3. इस्राईल की अदालत — 3:9-9:10
4. बहाली — 9:11-15

1 तक़ू'अ के चरवाहों में से 'आमूस का कलाम, जो उस पर शाह — ए — यहूदाह उज़्ज़ियाह और शाह — ए — इस्राईल युरब'आम — बिन — यूआस के दिनों में इस्राईल के बारे में भौंचाल से दो साल पहले ख़्वाब में नाज़िल हुआ। 2 उसने कहा: “ख़ुदावन्द सिय्यून से नारा मारेगा और येरूशलेम से आवाज़ बलन्द करेगा; और चरवाहों की चरागाहें मातम करेंगी, और कर्मिल की चोटी सूख जायेगी।”

इस्राईल के पड़ोसी मुल्कों पर ख़ुदा की सज़ा
3 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि “दमिश्क़ के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोड़ूँगा, क्यूँकि उन्होंने जिलआद को ख़लीहान में दाउने के आहनी औज़ार से रौंद डाला है। 4 और मैं हज़ाएल के घराने में आग भेजूँगा, जो बिन — हदद के क़स्रों को खा जाएगी। 5 और मैं दमिश्क़ का अड़बंगा तोड़ूँगा और वादी — ए — आवन के बाशिंदों और बैत — 'अदन के फ़रमाँरवाँ को काट डालूँगा और अराम के लोग ग़ुलाम होकर क़ीर को जाएँगे, ख़ुदावन्द फ़रमाता है। 6 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि ग़ज़्ज़ा के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोड़ूँगा, क्यूँकि वह सब लोगों को ग़ुलाम करके ले गए ताकि उनको अदोम के हवाले करें। 7 इसलिए मैं ग़ज़्ज़ा की शहरपनाह पर आग भेजूँगा, जो उसके क़स्रों को खा जाएगी। 8 और अशदूद के बाशिन्दों और अस्क़लोन के फ़रमाँरवाँ को काट डलूँगा और अक़रून पर हाथ चलाऊँगा और फ़िलिस्तियों के बाक़ी लोग बर्बाद हो जायेंगे। ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है। 9 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि सूर के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोड़ूँगा, क्यूँकि उन्होंने सब लोगों को अदोम के हवाले किया और बिरादराना 'अहद को याद न किया। 10 इसलिए मैं सूर की शहरपनाह पर आग भेजूँगा, जो उसके क़स्रों को खा जाएगी।” 11 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि अदोम के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोड़ूँगा, क्यूँकि उसने तलवार लेकर अपने भाई को दौड़ाया और रहमदिली को छोड़ दिया और उसका क़हर हमेशा फाड़ता रहा और उसका ग़ज़ब ख़त्म न हुआ। 12 इसलिए मैं तेमान पर आग भेजूँगा, और वह बुसराह के क़स्रों को खा जाएगी। 13 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि बनी 'अम्मोन के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोडूँगा, क्यूँकि उन्होंने अपनी हुदूद को बढ़ाने के लिए जिलआद की बारदार 'औरतों के पेट चाक किए। 14 इसलिए मैं रब्बा की शहरपनाह पर आग भड़काऊँगा, जो उसके क़स्रों को लड़ाई के दिन ललकार और आँधी के दिन गिर्दबाद के साथ खा जाएगी; 15 और उनका बादशाह बल्कि वह अपने हाकिमों के साथ ग़ुलाम होकर जाएगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।

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