1 येको बाद मय न स्वर्ग म मानो बड़ी भीड़ को लोगों को ऊचो आवाज सी यो कहतो सुन्यो, “हल्लिलूय्याह! उद्धार अऊर महिमा अऊर सामर्थ हमरो परमेश्वर कीच आय। 2 कहालीकि ओको न्याय सच्चो अऊर उचित हंय। ओन वा वेश्या को, जो अपनो व्यभिचार सी धरती ख भ्रष्ट करत होती, न्याय करयो अऊर परमेश्वर न अपनो सेवकों को खून को बदला लियो हय।” 3 फिर दूसरी बार उन्न चिल्लाय क कह्यो, “हल्लिलूय्याह! ओको जरन को धुवा हमेशा हमेशा उठतो रहेंन।” 4 तब चौबीसों बुजूर्गों अऊर चारयी प्रानियों न गिर क परमेश्वर ख दण्डवत कर क् आराधना करयो, जो सिंहासन पर बैठ्यो होतो। अऊर कह्यो, “आमीन! परमेश्वर की स्तुति हो!”
9 [a]तब स्वर्गदूत न मोरो सी कह्यो, “यो लिख, कि धन्य हि हंय, जो मेम्ना को बिहाव को जेवन म बुलायो गयो हंय।” अऊर स्वर्गदूत न मोरो सी कह्यो, “यो परमेश्वर को सत्य वचन आय।”
10 तब मय ओकी आराधना करन लायी ओको पाय पर गिर पड़्यो। पर ओन मोरो सी कह्यो, “असो मत कर, मय तोरो जसो अऊर दूसरों विश्वासियों को जसो एक सेवक आय, हि सब यीशु न प्रगट करी हुयी सच्चायी ख पकड़्यो हुयो हय। परमेश्वर की स्तुति करो कहालीकि जो सच्चायी यीशु न प्रगट करी हि भविष्यवक्तावों ख प्रेरना देवय हय।”
17 फिर मय न एक स्वर्गदूत ख सूरज पर खड़ो हुयो देख्यो। ओन बड़ो आवाज सी पुकार क आसमान को बीच म सी उड़न वालो सब पक्षिंयों सी कह्यो, “आवो, परमेश्वर को बड़ो भोज को लायी जमा होय जावो, 18 आवो अऊर राजावों को मांस, अऊर सरदारों को मांस, अऊर सिपाहियों को मांस, अऊर शक्तिमान आदमियों को मांस, अऊर घोड़ा को अऊर उन्को सवारों को मांस, अऊर उन्को शरीर, अऊर सेवक छोटो अऊर बड़ो, सब लोगों को शरीर खावो।”
19 फिर मय न ऊ हिंसक पशु, अऊर धरती को राजावों अऊर उनकी सेनावों ख ऊ घोड़ा को सवार अऊर ओकी सेना सी लड़न लायी जमा देख्यो। 20 [c]ऊ हिंसक पशु, अऊर ओको संग ऊ झूठो भविष्यवक्ता दोयी ख कैदी बनायो गयो जेन ओको सामने असो चिन्ह दिखायो होतो जिन्को द्वारा ओन उन्ख भरमायो जिन पर ऊ पशु की छाप होती अऊर जो वा मूर्ति की पूजा करत होतो। उन हिंसक पशु अऊर झूठो भविष्यवक्ता ख भी जरती हुयी आगी म जीन्दो डाल्यो गयो। 21 बाकी को सैनिक ऊ घोड़ा को सवार की तलवार सी, जो ओको मुंह सी निकलत होती, मार डाल्यो गयो; अऊर सब पक्षी उन्को मांस खाय क सन्तुष्ट भय गयो।
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