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फिलेमोन के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री

फिलेमोन को नाम पौलुस प्रेरित की चिट्ठी
परिचय
फिलेमोन की या छोटी किताब प्रेरित पौलुस को द्वारा लिखी गयी होती। १:१ पौलुस जेलखाना म होतो तब ओन या चिट्ठी ख लिख्यो होतो, जेको अर्थ हय कि ऊ रोम सी लिख रह्यो होतो। अगर ऊ रोम सी होतो त या मसीह को जनम को ६१ साल बाद लिख्यो होना जो ऊ समय कुलुस्सियों न भी लिख्यो होतो।
या चिट्ठी फिलेमोन नाम को एक व्यक्ति ख लिख्यो होतो। फिलेमोन मण्डली को सदस्य अऊर मालिक भी होतो पौलुस न ओको सी पुच्छ्यो कि ऊ अपनो सेवक उनेसिमुस ख सजा नहीं देयेंन, जो फिलेमोन को इत सी भग गयो होतो, रोमन शासन को द्वारा फिलेमोन को उनेसिमुस ख मौत की सजा देन को अधिकार होतो, पौलुस फिलेमोन को एक मसीह भाऊ को रूप म उनेसिमुस ख स्वीकार करनो यां प्रोत्साहित करन लायी प्रेरक तर्कों को उपयोग करत होतो, अऊर यो भी सुझाव देत होतो की उनेसिमुस ख पौलुस को संग सेवा करन की अनुमति देत होतो। १:१३-१४
रूप-रेखा
१. पौलुस फिलेमोन ख नमस्कार करय हय। १:१-३
२. पौलुस उनेसिमुस को तरफ सी पूछय हय कि फिलेमोन ओख एक मसीह भाऊ को रूप म स्वीकार करेंन। १:४-२१
३. पौलुस की यात्रा करनो अऊर बधायी भेजन की घोषना कर क् चिट्ठी लिखनो बन्द करय हय। १:२२-२५

1
अभिवादन
1 तीमुथियुस अऊर मय पौलुस को तरफ सी जो प्रभु मसीह यीशु को लायी मय बन्दी बन्यो हय, हमरो प्रिय भाऊ सहकर्मी फिलेमोन, 2 कुलुस्सियों ४:१७अऊर बहिन अफफिया, अऊर हमरो संगी योद्धा अरखिप्पुस अऊर फिलेमोन को घर म जमा होन वाली मण्डली को नाम।

3 हमरो पिता परमेश्वर अऊर प्रभु यीशु मसीह को तरफ सी अनुग्रह अऊर शान्ति तुम्ख मिलती रहे।

फिलेमोन को प्रेम अऊर विश्वास
4 भाऊ फिलेमोन, मय हमेशा परमेश्वर को धन्यवाद करू हय, अऊर अपनी प्रार्थनावों म भी तोख याद करू हय। 5 कहालीकि मय प्रभु यीशु मसीह को लोगों को प्रति तुम्हरो प्रेम अऊर विश्वास को बारे म सुनतो रहू हय, 6 मय प्रार्थना करू हय कि आप खुद को विश्वास ख बाटन म तत्पर बन्यो रहे जेकोसी यीशु मसीह म एकता को द्वारा हमरी जीवन की पूरी अच्छी बातों को तुम्ख पूरी रीति सी ज्ञान हो। 7 कहालीकि हे भाऊ, मोख तोरो प्रेम सी बहुत खुशी अऊर प्रोत्साहन मिल्यो, येकोलायी कि तोरो सी परमेश्वर को लोगों को मन खुश भय गयो हंय।
उनेसिमुस लायी बिनती
8 येकोलायी कि मोख मसीह म भाऊ होन को नाते जो तुम ख करनो चाहिये ओख धीरज सी बतावन को अधिकार मोरो म हय। 9 तब भी ऊ प्रेम को वजह मोख यानेकि पौलुस को लायी जो अब यीशु मसीह को कैदी भी आय, योच ठीक जान पड़्यो कि तोरो सी बिनती करू। 10 कुलुस्सियों ४:९त मय उनेसिमुस को तरफ सी आप ख बिनती करू हय, जो मसीह म मोरो टुरा हय अऊर जब मय जेलखाना को समय मय ओको आत्मिक बाप बन्यो। 11 ऊ त पहिले तोरो कुछ काम को नहीं होतो, पर अब तोरो अऊर मोरो दोयी को बड़ो काम को हय।

12 ओखच यानेकि जो मोरो दिल को टुकड़ा आय, मय न ओख तोरो जवर लौटाय दियो हय। 13 ओख मय अपनोच जवर रखनो चाहत होतो कि तोरो तरफ सी यो जेल म जो सुसमाचार को वजह हय, तोरी जागा पर मोरी सेवा करे। 14 पर मय न तोरी इच्छा को बिना कुछ भी करनो नहीं चाह्यो कि तोरी यो कृपा दबाव सी नहीं पर खुशी सी होय।

15 शायद ऊ मोरो सी कुछ दिन लायी योच वजह अलग भयो कि अनन्त काल तक तोरो जवर रहे। 16 पर अब सी सेवक को जसो नहीं, बल्की सेवक सी भी अच्छो, यानेकि ऊ मोख त प्रिय हय पर ऊ आदमी अऊर एक प्रभु भाऊ होन को नाते ओख मोरो सी जादा प्रेम करो।

17 येकोलायी यदि तय मोख सहभागी समझय हय, त ओख यो तरह स्वीकार कर जसो मोख करय हय। 18 अऊर यदि ओन तोरी कुछ हानि करी हय, यां ओको पर तोरो कुछ कर्जा आवय हय, त मोरो नाम पर लिख ले। 19 मय पौलुस अपनो हाथ सी लिखूं हय, कि मय खुद भर देऊ; अऊर मोख कुछ बतावन की जरूरत नहाय, कि तय त मोरो जीवन भर को लायी मोरो कर्जदार हय। 20 हे भाऊ, मोख तोरो सी प्रभु यीशु मसीह म यो फायदा प्राप्त हो मोरो दिल ख ताजगी मिले।

21 मय निश्चित होय क यो तोख लिखू हय, जो मय न तोख करन लायी कह्यो ऊ तय करजो। अऊर यो जानु हय कि जो कुछ मय कहू हय, तय ओको सी कहीं बढ़ क करजो। 22 अऊर यो भी कि मोरो लायी रूकन की जागा तैयार रख। मोख आशा हय कि तुम्हरी प्रार्थनावों को द्वारा परमेश्वर मोख तुम्हरो जवर लौटाय देयेंन।

आखरी अभिवादन
23 कुलुस्सियों १:७; ४:१२इपफ्रास, जो मसीह यीशु म मोरो संग कैदी हय, 24 प्रेरितों १२:१२,२५; १३:१३; १५:३७-३९; कुलुस्सियों ४:१०; प्रेरितों १९:२९; २७:२; कुलुस्सियों ४:१०; कुलुस्सियों ४:१४; २ तीमुथियुस ४:१०; कुलुस्सियों ४:१४; २ तीमुथियुस ४:११अऊर मरकुस अऊर अरिस्तर्खुस अऊर देमास अऊर लूका जो मोरो सहकर्मी हंय, इन्को तोख प्रनाम।

25 हमरो प्रभु यीशु मसीह को अनुग्रह तुम सब पर बन्यो रहेंन।