5 “तब ओन अपनो मालिक को कर्जा चुकावन वालो ख एक–एक कर क् बुलायो अऊर पहिलो सी पुच्छ्यो, ‘तोरो पर मोरो मालिक को कितनो कर्जा हय?’ 6 ओन उत्तर दियो, ‘सौ मन तेल,’ तब मुनीम न ओको सी कह्यो; ‘अपनो बही-खाता ले अऊर बैठ क तुरतच पचास लिख दे।’ 7 तब ओन दूसरों सी पुच्छ्यो, ‘तोरो पर कितनो कर्जा हय?’ ओन उत्तर दियो, ‘एक हजार बोरा गहूं,’ तब ओन ओको सी कह्यो; ‘अपनो बही-खाता म आठ सौ लिख दे।’
8 “मालिक न ऊ अधर्मी मुनीम की तारीफ करयो कि ओन हुसीयारी सी काम करयो हय। कहालीकि यो जगत को लोग अपनो समय को लोगों को संग लेन-देन म प्रकाश को लोगों सी अधिक हुसीयार हंय।”
9 यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय तुम सी कहू हय: कि जगत को धन सी अपनो लायी संगी बनाय ले, ताकि जब ऊ जातो रहेंन त हि तुम्ख अनन्त निवासों म ले ले। 10 जो थोड़ो सो थोड़ो म विश्वास लायक हय, ऊ बहुत म भी विश्वास लायक हय; अऊर जो थोड़ो सो थोड़ो म अधर्मी हय, ऊ बहुत म भी अधर्मी हय। 11 येकोलायी जब तुम जगत को धन म सच्चो नहीं ठहरो, त विश्वास को धन तुम्ख कौन सौंपेंन? 12 अऊर तुम परायो धन म सच्चो नहीं ठहरो त जो तुम्हरो हय, ओख तुम्ख कौन देयेंन?
13 [a]“कोयी सेवक दोय मालिक की सेवा नहीं कर सकय; कहालीकि ऊ त एक सी बैर अऊर दूसरों सी प्रेम रखेंन या एक सी विश्वास लायक रहेंन अऊर दूसरों ख तुच्छ जानेंन। तुम परमेश्वर अऊर धन दोयी की सेवा नहीं कर सकय।”
14 फरीसी जो पैसा को लोभी होतो, या सब बाते सुन क यीशु ख ताना मारन लग्यो। 15 यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम त आदमी को आगु अपनो आप ख सच्चो दिखावय हय, पर परमेश्वर तुम्हरो मन ख जानय हय, कहालीकि जो चिज आदमी की नजर म महान हय, ऊ परमेश्वर को नजर म तुच्छ हय।
16 [b]“मूसा की व्यवस्था अऊर भविष्यवक्ता यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो को समय तक त रह्यो; ऊ समय सी परमेश्वर को राज्य को सुसमाचार सुनायो जाय रह्यो हय, अऊर हर कोयी ओको म ताकत सी सिरय हय। 17 [c]आसमान अऊर धरती को गायब होय जानो व्यवस्था को एक बिन्दु को मिट जानो सी सहज हय।
18 [d]“जो कोयी अपनी पत्नी ख तलाक दे क दूसरी बाई सी बिहाव करय हय, ऊ व्यभिचार करय हय; अऊर जो पति सी तलाक भयी बाई सी बिहाव करय हय, ऊ भी व्यभिचार करय हय।
22 “असो भयो कि ऊ गरीब मर गयो, अऊर स्वर्गदूतों न ओख उठाय क अब्राहम की बाजू म पहुंचायो। ऊ धनवान भी मरयो अऊर गाड़्यो गयो, 23 अऊर अधोलोक म ओन दु:ख म पड़्यो हुयो अपनी आंखी ऊपर उठायी, अऊर दूर सी अब्राहम को जवर म लाजर ख देख्यो। 24 तब ओन पुकार क कह्यो, ‘हे बाप अब्राहम! मोरो पर दया कर, अऊर लाजर ख भेज दे ताकि ऊ अपनी बोट को सिरा पानी म फिजाय क मोरी जीबली ख ठंडी करेंन, कहालीकि मय या आगी म तड़प रह्यो हय!’
25 “पर अब्राहम न कह्यो, ‘हे बेटा, याद कर, कि तय अपनो जीवन म अच्छी चिज ले लियो हय, अऊर वसोच लाजर बुरी चिज। पर अब ऊ इत शान्ति पा रह्यो हय, अऊर तय तड़प रह्यो हय। 26 या सब बातों ख छोड़ हमरो अऊर तुम्हरो बीच एक गहरो गड्डा ठहरायो गयो हय कि जो इत सी ओन पार तुम्हरो जवर जानो चाह्यो, त हि नहीं जाय सक्यो, अऊर नहीं कोयी उत सी येन पार हमरो जवर आय सक्यो।’ 27 धनवान आदमी न कह्यो, ‘मय तुम सी बिनती करू हय, हे बाप अब्राहम, तय लाजर ख मोरो बाप को घर भेज, 28 कहालीकि उत मोरो पाच भाऊ हंय। ऊ जाय क उन्को जवर या बातों ख चिताय दे, असो नहीं होय कि हि भी यो दु:ख की जागा म आय।’
29 “अब्राहम न कह्यो, ‘तुम्हरो भाऊ को जवर त मूसा अऊर भविष्यवक्ता की किताब हंय उन्ख चितावन लायी, हि उन्की सुनो कि का कह्य।’ 30 धनवान आदमी न उत्तर दियो, ‘पर्याप्त नहीं, हे बाप अब्राहम! पर यदि कोयी मरयो हुयो म सी जीन्दो होय क उन्को जवर जाये, त हि अपनो पाप सी मन फिरायेंन।’ 31 पर अब्राहम न कह्यो, ‘जब हि मूसा अऊर भविष्यवक्तावों की नहीं सुनय, त यदि मरयो हुयो म सी कोयी जीन्दो भी होयेंन तब भी ओकी नहीं मानेंन।’ ”
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