1 यीशु फसह को त्यौहार सी छे दिन पहिले बैतनिय्याह गांव म आयो जित लाजर होतो, जेक यीशु न मरयो हुयो म सी जीन्दो करयो होतो। 2 उत उन्न ओको लायी भोजन तैयार करयो; अऊर मार्था सेवा करत होती, अऊर लाजर उन्म सी एक होतो जो ओको संग जेवन करन लायी बैठ्यो होतो। 3 ✡लूका ७:३७,३८तब मरियम न जटामांसी को अरधो लीटर बहुत कीमती अत्तर ले क यीशु को पाय पर डाल्यो, अऊर अपनो बालों सी ओको पाय पोछ्यो; अऊर अत्तर की सुगन्ध सी घर सुगन्धित भय गयो। 4 पर ओको चेलावों म सी यहूदा इस्करियोती नाम को एक चेला जो ओख पकड़वान पर होतो, कहन लग्यो, 5 “यो अत्तर तीन सौ चांदी को सिक्का म बेच क गरीबों ख कहाली नहीं दियो गयो?” 6 ओन या बात येकोलायी नहीं कहीं कि ओख गरीबों की चिन्ता होती पर येकोलायी कि ऊ चोर होतो, अऊर ओको जवर उन्की पैसा कि झोली रहत होती अऊर ओको म जो कुछ डाल्यो जात होतो, ऊ निकाल लेत होतो।
7 यीशु न कह्यो, “ओख रहन दे। ओख यो मोरो गाड़्यो जान को दिन लायी रखन दे। 8 कहालीकि गरीब त तुम्हरो संग हमेशा रह्य हंय, पर मय तुम्हरो संग हमेशा नहीं रहूं।”
12 दूसरों दिन बहुत सो लोगों न जो त्यौहार म आयो होतो यो सुन्यो कि यीशु यरूशलेम म आय रह्यो हय। 13 येकोलायी उन्न खजूर की डगाली धरी अऊर ओको सी भेंट करन ख निकल्यो, अऊर पुकारन लग्यो, “परमेश्वर की महिमा हो! धन्य इस्राएल को राजा, जो प्रभु को नाम सी आवय हय।”
14 जब यीशु ख गधा को एक बछड़ा मिल्यो; त ऊ ओको पर बैठ गयो, जसो लिख्यो हय,
16 ओको चेलावों या बाते पहिले नहीं समझ्यो होतो, पर जब यीशु की महिमा प्रगट भयी त उन्ख याद आयो कि या बाते ओको बारे म लिख्यो हुयी होती अऊर लोगों न ओको सी योच तरह को व्यवहार करयो होतो।
17 तब भीड़ को उन लोगों न गवाही दी, जो ऊ समय ओको संग होतो, जब ओन लाजर ख कब्र म सी बुलाय क मरयो हुयो म सी जीन्दो करयो होतो। 18 योच वजह लोग ओको सी मिलन आयो होतो कहालीकि उन्न सुन्यो होतो कि ओन यो आश्चर्य चिन्ह दिखायो हय। 19 तब फरीसियों न आपस म कह्यो, “सोचो त सही कि तुम सी कुछ नहीं बन पड़य। देखो, जगत ओको पीछू चलन लग्यो हय।”
22 फिलिप्पुस न आय क अन्द्रियास सी कह्यो, तब अन्द्रियास अऊर फिलिप्पुस न जाय क यीशु सी कह्यो। 23 येको पर यीशु न उन्को सी कह्यो, “ऊ समय आय गयो हय कि आदमी को बेटा की महिमा हो। 24 मय तुम सी सच सच कहू हय कि जब तक गहूं को बीजा जमीन म गिड़ क मर नहीं जावय, ऊ अकेलो रह्य हय; पर जब मर जावय हय, त बहुत फर लावय हय। 25 ✡मत्ती १०:३९; १६:२५; मरकुस ८:३५; लूका ९:२४; १७:३३जो अपनो जीव ख प्रिय जानय हय, ऊ ओख खोय देवय हय; अऊर जो यो जगत म अपनो जीव ख अप्रिय जानय हय, ऊ अनन्त जीवन लायी ओकी रक्षा करेंन। 26 यदि कोयी मोरी सेवा करे, त मोरो पीछू होय जा; अऊर जित मय हय, उत मोरो सेवक भी होयेंन। यदि कोयी मोरी सेवा करेंन, त बाप ओको आदर करेंन।
29 तब जो लोग खड़ो हुयो सुन रह्यो होतो उन्न कह्यो कि बादर गरज्यो। दूसरों न कह्यो, “कोयी स्वर्गदूत ओको सी बोल्यो।”
30 येको पर यीशु न कह्यो, “यो शब्द मोरो लायी नहीं, पर तुम्हरो लायी आयो हय। 31 अब यो जगत को न्याय होवय हय, अब यो जगत को शासक निकाल दियो जायेंन; 32 अऊर मय यदि धरती पर सी ऊचो पर चढ़ायो जाऊं, त सब ख अपनो जवर खीचूं।” 33 असो कह्य क ओन यो प्रगट कर दियो कि ऊ कसो मृत्यु सी मरेंन।
34 येको पर लोगों न ओको सी कह्यो, “हम न व्यवस्था की या बात सुनी हय कि मसीह हमेशा रहेंन, तब तय कहाली कह्य हय कि आदमी को बेटा ख ऊचो पर चढ़ायो जानो जरूरी हय? यो आदमी को बेटा कौन आय?”
35 यीशु न उन्को सी कह्यो, “ज्योति अब थोड़ी देर तक तुम्हरो बीच म हय। जब तक ज्योति तुम्हरो संग हय तब तक चलतो रहो, असो नहीं होय कि अन्धारो तुम्ख आय घेरे; जो अन्धारो म चलय हय ऊ नहीं जानय कि कित जावय हय। 36 जब तक ज्योति तुम्हरो संग हय, ज्योति पर विश्वास करो ताकि तुम ज्योति की सन्तान बनो।”
39 यो वजह हि विश्वास नहीं कर सक्यो, कहालीकि यशायाह न यो भी कह्यो हय:
41 यशायाह न या बात येकोलायी कहीं कि ओन ओकी महिमा देखी, अऊर ओन ओको बारे म बाते करी।
42 तब भी अधिकारियों म सी बहुत सो न ओको पर विश्वास करयो, पर फरीसियों को वजह प्रगट म नहीं मानत होतो, कहीं असो नहीं होय कि हि आराधनालयों म सी निकाल दियो जायेंन: 43 कहालीकि आदमियों को तरफ सी बड़ायी उन्ख परमेश्वर को तरफ सी बड़ायी की अपेक्षा बहुत प्रिय लगत होती।