6 यीशु न उन्को सी यो दृष्टान्त कह्यो, पर हि नहीं समझ्यो कि या का बाते हंय जो ऊ हम सी कह्य हय।
11 अच्छो चरवाहा मय आय; अच्छो चरवाहा मेंढीं लायी अपनो जीव देवय हय। 12 मजूर जो नहीं चरवाहा आय अऊर नहीं मेंढीं को मालिक आय, भेड़िया ख आवता देख मेंढीं ख छोड़ क भग जावय हय अऊर भेड़िया उन्ख पकड़तो अऊर तितर-बितर कर देवय हय। 13 ऊ येकोलायी भग जावय हय कि ऊ मजूर आय, अऊर ओख मेंढीं की चिन्ता नहीं। 14 [a]अच्छो चरवाहा मय आय; मय अपनी मेंढीं ख जानु हय, अऊर मोरी मेंढीं मोख जानय हंय। 15 जसो बाप मोख जानय हय अऊर मय बाप ख जानु हय अऊर मय मेंढीं लायी अपनो जीव देऊ हय। 16 मोरी अऊर भी मेंढीं हंय, जो यो बाड़ा की नहाय। मोख उन्को भी लावनो जरूरी हय। हि मोरो आवाज सुनेंन, तब एकच झुण्ड अऊर एकच चरवाहा होयेंन।
17 “बाप येकोलायी मोरो सी प्रेम रखय हय कि मय अपनो जीव देऊ हय कि ओख फिर ले लेऊ। 18 कोयी ओख मोरो सी छीनय नहीं, बल्की मय ओख खुदच देऊ हय। मोख ओको देन को भी अधिकार हय, अऊर ओख फिर लेन को भी अधिकार हय: यो आज्ञा मोरो बाप सी मोख मिली हय।”
19 इन बातों को वजह यहूदियों म फिर फूट पड़ी। 20 उन्म सी बहुत सो कहन लग्यो, “ओको म दुष्ट आत्मा हय, अऊर ऊ पागल हय; ओकी कहाली सुनय हय?”
21 दूसरों लोगों न कह्यो, “या बाते असो आदमी की नहीं जेको म दुष्ट आत्मा हय। का दुष्ट आत्मा अन्धा की आंखी खोल सकय हय?”
25 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “मय न तुम सी कह्य दियो पर तुम विश्वास करय नहाय। जो काम मय अपनो बाप को नाम सी करू हय हिच मोरो गवाह हंय, 26 पर तुम येकोलायी विश्वास नहीं करय कहालीकि मोरी मेंढीं म सी नहीं हय। 27 मोरी मेंढीं मोरो आवाज सुनय हंय; मय उन्ख जानु हय, अऊर हि मोरो पीछू पीछू चलय हंय; 28 अऊर मय उन्ख अनन्त जीवन देऊ हय। हि कभी नाश नहीं होयेंन, अऊर कोयी उन्ख मोरो हाथ सी छीन नहीं लेयेंन। 29 मोरो बाप, जेन उन्ख मोख दियो हय, सब सी बड़ो हय अऊर कोयी उन्ख बाप को हाथ सी छीन नहीं सकय। 30 मय अऊर बाप एक हंय।”
31 यहूदियों न ओको पर पथराव करन ख फिर गोटा उठाये। 32 येको पर यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय न तुम्ख अपनो बाप को तरफ सी बहुत सो भलो काम दिखायो हंय; उन्म सी कौन्सो काम लायी तुम मोरो पर पथराव करय हय?”
33 यहूदियों न ओख उत्तर दियो, “भलो काम लायी हम तोरो पर पथराव नहीं करजे पर परमेश्वर की निन्दा करन को वजह; अऊर येकोलायी कि तय आदमी होय क अपनो आप ख परमेश्वर बतावय हय।”
34 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “का तुम्हरी व्यवस्था म नहीं लिख्यो हय, ‘मय न कह्यो, तुम ईश्वर आय?’ 35 यदि ओन उन्ख ईश्वर कह्यो जिन्को जवर परमेश्वर को वचन पहुंच्यो अऊर पवित्र शास्त्र की बात असत्य नहीं होय सकय, 36 त जेक बाप न पवित्र ठहराय क जगत म भेज्यो हय, तुम ओको सी कह्य हय, ‘तय निन्दा करय हय,’ येकोलायी कि मय न कह्यो, ‘मय परमेश्वर को बेटा आय?’ 37 यदि मय अपनो बाप को काम नहीं करतो, त मोरो विश्वास मत करो। 38 पर यदि मय करू हय, त चाहे मोरो विश्वास नहीं भी करो, पर उन कामों को त विश्वास करो, ताकि तुम जानो अऊर समझो कि बाप मोरो म हय अऊर मय बाप म हय।”
39 तब उन्न फिर ओख पकड़न को कोशिश करयो पर ऊ उन्को हाथ सी निकल गयो।
40 [b]तब ऊ यरदन नदी को पार ऊ जागा पर चली गयो, जित यूहन्ना पहिले बपतिस्मा दियो करत होतो, अऊर उतच रह्यो। 41 बहुत सो लोग ओको जवर आय क कहत होतो, “यूहन्ना न त कोयी चिन्ह नहीं दिखायो, पर जो कुछ यूहन्ना न येको बारे म कह्यो होतो, ऊ सब सच होतो।” 42 अऊर उत बहुतों न यीशु पर विश्वास करयो।
<- यूहन्ना 9यूहन्ना 11 ->