5 हे मोरो प्रिय भाऊवों अऊर बहिनों, सुनो। का परमेश्वर न यो जगत को गरीबों ख नहीं चुन्यो कि विश्वास म धनी अऊर ऊ राज्य को अधिकारी हो, जेकी प्रतिज्ञा ओन उन्को सी करी हय जो ओको सी प्रेम रखय हंय? 6 पर तुम ऊ गरीब को अपमान करय हय। का धनी लोग तुम पर दबाव नहीं डालय अऊर का हिच तुम्ख कचहरी म घसीट क नहीं ले जावय? 7 का हि यो नोहोय, जो ऊ अच्छो नाम की निन्दा नहीं करय जो तुम ख दियो गयो हय?
8 तब भी यदि तुम पवित्र शास्त्र को यो वचन को अनुसार कि “तय अपनो पड़ोसी सी अपनो जसो प्रेम रख” सचमुच ऊ राज व्यवस्था ख पूरी करय हय, त अच्छोच करय हय। 9 पर यदि तुम लोगों को बाहरी पहरावा देख क व्यवहार करय हय त तुम पाप करय हय; अऊर व्यवस्था तुम्ख नियम को उल्लंघन करन वालो ठहरावय हय। 10 कहालीकि जो कोयी पूरी व्यवस्था को पालन करय हय पर एकच बात म चूक जाये त ऊ सब बातों म दोषी ठहर चुक्यो हय। 11 येकोलायी कि जेन यो कह्यो, “तय व्यभिचार मत करजो” ओनच यो भी कह्यो, “तय हत्या मत करजो,” येकोलायी यदि तय न व्यभिचार त नहीं करयो पर हत्या करी तब भी तय व्यवस्था को उल्लंघन करन वालो ठहरयो। 12 तुम उन लोगों को जसो वचन बोलो अऊर काम भी करो, जिन्को न्याय ऊ व्यवस्था को अनुसार होयेंन जो हम्ख स्वतंत्र करय हय। 13 येकोलायी जो दयालु नहाय ओको लायी परमेश्वर को न्याय भी बिना दया कोच होयेंन पर दया न्याय पर विजय हय।
18 बल्की कोयी कह्य सकय हय, “तोख विश्वास हय अऊर मय कर्म करू हय।” तय अपनो विश्वास मोख कर्म बिना त दिखाव; अऊर मय अपनो विश्वास अपनो कर्मों को द्वारा तोख दिखाऊं। 19 का तोख विश्वास हय कि एकच परमेश्वर हय? तय अच्छो करय हय। दुष्ट आत्मा भी विश्वास रखय, अऊर कापय हंय। 20 पर हे निकम्मो आदमी, का तय यो भी नहीं जानय कि कर्म बिना विश्वास बेकार हय? 21 जब हमरो पुर्वज अब्राहम न अपनो बेटा इसहाक ख वेदी पर चढ़ायो, त का ऊ कर्मों सी सच्चो नहीं ठहरयो होतो? 22 यानेकि तय न देख लियो कि विश्वास न ओको कामों को संग मिल क प्रभाव डाल्यो हय, अऊर कर्मों सी विश्वास सिद्ध भयो, 23 अऊर पवित्र शास्त्र को यो वचन पूरो भयो: “अब्राहम न परमेश्वर को विश्वास करयो, अऊर यो ओको लायी सच्चो ठहरयो;” अऊर ऊ परमेश्वर को संगी कहलायो। 24 यो तरह तुम न देख लियो कि आदमी केवल विश्वास सीच नहीं, बल्की कर्मों सी भी सच्चो ठहरय हय।
25 वसीच राहब वेश्या भी, जब ओन दूतों ख अपनो घर म उतारयो अऊर दूसरों रस्ता सी बिदा करयो, त का कर्मों सी सच्चो नहीं ठहरी?
26 यानेकि जसो शरीर आत्मा बिना मरी हुयी हय, वसोच विश्वास भी कर्म बिना मरयो हुयो हय।
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