1 येकोलायी आवो मसीह की शिक्षा की सुरूवाती स्तर की शिक्षा ख छोड़ क हम सिद्धता को तरफ आगु बढ़तो जाये, अऊर मृत्यु को तरफ अगुवायी करन वालो कामों सी प्रायश्चित की नीव फिर सी नहीं डाले, अऊर परमेश्वर पर को विश्वास, 2 अऊर बपतिस्मा की शिक्षा अऊर ऊपर हाथों ख रखनो, अऊर मृत्यु सी जीन्दो होनो अऊर अनन्त न्याय। 3 यदि परमेश्वर चाहेंन त हम योच करबोंन।
4 जो लोग अपनो विश्वास ख त्याग देवय हय उन्ख फिर सी पश्चाताप करन लायी कसो लायो जाय सकय हय? हि एक बार परमेश्वर को प्रकाश म होतो, उन्न स्वर्ग को उपहार चख्यो अऊर पवित्र आत्मा को अपनो हिस्सा हासिल करयो हंय, 5 अऊर आवन वालो युग कि सामर्थ को काम अनुभव लियो हय कि परमेश्वर को वचन कितनो अच्छो हय, 6 यदि हि विश्वास सी भटक जाये त उन्ख फिर सी मन फिराव को लायी वापस लावनो मुस्किल हय; कहालीकि हि परमेश्वर को टुरा ख फिर सी क्रूस पर चढ़ावय हंय तथा ओख सब को सामने अपमान को विषय बनावय हंय।
7 कहालीकि जो जमीन प्राय होन वाली बरसात को पानी ख सोख लेवय हय, अऊर जोतन यां बोवन वालो को उपयोगी फसल प्रदान करय हय वा माटी परमेश्वर सी आशीष पावय हय, 8 पर यदि वा जमीन काटा अऊर घासफूंस उगावय हय, त वा बेकार हय अऊर ओख परमेश्वर को श्राप अऊर आगी सी नाश करन को डर रह्य हय।
9 पर हे प्रिय संगियों, चाहे हम यो तरह की बाते कहजे हंय पर तुम्हरो बारे म हम्ख येको सी भी अच्छी बातों को आत्मविश्वास हय, हि बाते जो तुम्हरो उद्धार सी सम्बन्धित हंय। 10 तुम न परमेश्वर को लोगों की हमेशा मदत करतो हुयो जो प्रेम दर्शायो हय, ओख अऊर तुम्हरी दूसरी सेवा ख परमेश्वर कभी नहीं भूलायेंन। ऊ अधर्मी नहाय। 11 हम बहुतायत सी चाहजे हंय कि तुम म सी हर कोयी जीवन भर असोच कठिन मेहनत करय हय, ताकी तुम निश्चय ओख पा लेवो जेकी तुम आशा करय हय। 12 हम नहीं चाहजे की तुम आलसी होय जावो, बल्की उन्को अनुकरन करो जो विश्वास अऊर धीरज को द्वारा उन चिजों ख पा रह्यो हय जिन्की परमेश्वर न प्रतिज्ञा करी होती।
- a फुकट म दियो गयो आत्मिक भोजन