Link to home pageLanguagesLink to all Bible versions on this site
2
महान उद्धार
1 येकोलायी हम्ख अऊर जादा सावधानी को संग, जो सत्य कि बाते जो हम न सुनी, अऊर भी मन लगायो, असो नहीं होय कि बहक क उन्को सी दूर चली जाये। 2 कहालीकि जो सन्देश स्वर्गदूतों सी हमरो बापदादों ख कह्यो गयो होतो, जिन्न ओको उल्लंघन करयो ओख दण्ड मिल्यो जेको हि उचित होतो, 3 त हम असो बच सकजे हय यदि हम यो महान उद्धार पर हमरो ध्यान नहीं दे? जेको बारे म प्रभु न पहिले हम्ख बतायो, अऊर जिन्न ओख सुन्यो ऊ हमरो लायी निश्चय भयो कि ऊ उद्धार सत्य हय। 4 अऊर संगच परमेश्वर भी अपनी इच्छा को अनुसार चिन्हों, अऊर अचम्भा को कामों, अऊर अलग अलग तरह को सामर्थ को कामों, अऊर पवित्र आत्मा को वरदानों को बाटन को द्वारा येकी गवाही देतो रह्यो।
हमरो उद्धारकर्ता को मार्गदर्शन
5 परमेश्वर न ऊ आवन वालो जगत ख जेकी चर्चा हम कर रह्यो हंय, स्वर्गदूतों को अधीन नहीं करयो। 6 बल्की कोयी न पवित्र शास्त्र म यो गवाही दी हय,
“त आदमी का हय कि तय ओकी चिन्ता करे?
यो आदमी को बेटा का हय कि तय ओकी चिन्ता करे?
7 तय न ओख स्वर्गदूतों सी कुछच कम करयो;
तय न ओको पर महिमा अऊर आदर को मुकुट रख्यो,
8 अऊर उन्ख पूरी चिजों पर शासक बनाय दियो।”
येकोलायी यो कह्य हय कि परमेश्वर न उन्ख, पूरी चिजों पर शासक बनायो हय, येको म स्पष्ट रूप सी सब कुछ शामिल हय। पर हम सब चिजों पर शासन करन वालो आदमियों ख नहीं देखजे हंय। 9 पर हम यीशु ख जो स्वर्गदूतों सी कुछच कम करयो गयो होतो, मृत्यु को दु:ख उठावन को वजह महिमा अऊर आदर को मुकुट पहिन्यो हुयो देखजे हंय, ताकि परमेश्वर को अनुग्रह सी ऊ हर एक आदमी लायी मरे। 10 यो परमेश्वर को लायी सही होतो, जेन सब बातों ख बनायो अऊर सम्भाल्यो रख्यो, यीशु ख भी यातनावों को द्वारा परिपूर्ण बनानो चाहिये ताकी बहुत सो सन्तान ओकी महिमा म सामिल होय सके। कहालीकि यीशुच एक हय जो उन्ख उद्धार को तरफ ले जावय हय।

11 ऊ लोगों ख उन्को पापों सी पवित्र करय हय अऊर हि दोयी ऊ पवित्र करयो हुयो, सब एकच परिवार को आय। येकोलायी यीशु उन्ख अपनो भाऊ कहनो सी नहीं लजावय। 12 ऊ परमेश्वर सी कह्य हय,

“मय तोरो नाम अपनो भाऊवों अऊर बहिनों ख सुनाऊ;
अऊर सभा को बीच म मय तोरी प्रशंसा करू।”
13 अऊर ऊ यो भी कह्य हय “मय अपनो भरोसा परमेश्वर पर रखू।” अऊर कह्य हय, “मय यहां परमेश्वर न दी हुयी सन्तान को संग हय।”

14 येकोलायी जब कि लड़का मांस अऊर खून को भागी हंय, त यीशु खुदच उन्को जसो उन्को सहभागी भय गयो, ताकि मृत्यु को द्वारा ओख जो मृत्यु पर शक्ति मिली भी, मतलब शैतान ख नाश कर दे; 15 योच रीति सी जितनो मृत्यु को डर को वजह जीवन भर गुलामी म फस्यो होतो, उन्ख छुड़ाय लेजो। 16 कहालीकि यो निश्चित हय कि ऊ स्वर्गदूतों की नहीं बल्की अब्राहम को वंश ख मदत करय हय। 17 यो वजह ओख चाहिये होतो, कि सब बातों म अपनो भाऊवों को जसो बने; जेकोसी ऊ उन बातों म जो परमेश्वर सी सम्बन्ध रखय हंय, एक दयालु अऊर विश्वास लायक महायाजक बने ताकि लोगों को पापों की माफी लायी प्रायश्चित करे। 18 कहालीकि जब ओन परीक्षा की दशा म दु:ख उठायो, त ऊ उन्की भी मदत कर सकय हय जेकी परीक्षा होवय हय।

<- इब्रानियों 1इब्रानियों 3 ->