4 बिहाव को सब ख आदर करनो चाहिये अऊर पति अऊर पत्नी विश्वास लायक रहे कहालीकि परमेश्वर व्यभिचारियों को न्याय करेंन।
5 तुम्हरो स्वभाव धन सी प्रेम करन वालो नहीं हो, अऊर जो तुम्हरो जवर जो हय ओको म सन्तुष्ट करो; कहालीकि परमेश्वर न खुदच कह्यो हय, “मय तोख कभी नहीं छोड़ूं, अऊर नहीं कभी तोख त्यागूं।”*व्यवस्थाविवरन ३१:६ 6 येकोलायी हम निडर होय क कहजे हंय,
7 जो तुम्हरो अगुवा होतो, अऊर जिन्न तुम्ख परमेश्वर को वचन सुनायो हय, उन्ख याद रखो; अऊर ध्यान सी उन्को चाल चालन को अन्त देख क उन्को विश्वास को अनुकरन करो। 8 यीशु मसीह कल अऊर अज अऊर हमेशा हमेशा एक जसो हय। 9 हर तरह की विचित्र शिक्षावों सी भरमायो मत जावो, हमरो दिलो को लायी यो अच्छो हय हि अनुग्रह को द्वारा मजबूत बने नहीं की खान पीवन सम्बन्धित नियमों ख माननो सी, जिन्कोसी उन्को कभी कोयी फायदा नहीं भयो जिन्न उन्ख मान्यो।
10 हमरी एक असी वेदी हय जेको पर खान को अधिकार ऊ याजकों ख नहाय, जो तम्बू म सेवा करय हंय। 11 कहालीकि जिन जनावरों को खून महायाजक पाप-बलि लायी महापवित्र जागा म लिजावय हय, अऊर उन जनावरों को शरीर तम्बूवों को छावनी को बाहेर जलायो जावय हंय। 12 योच वजह, यीशु न भी शहर को द्वार को बाहेर मरयो ताकि लोग पापों सी ओको खून को द्वारा शुद्ध होय सके। 13 त फिर आवो, ओको जवर छावनी को बाहेर चले अऊर ओको अपमान म सहभागी हो। 14 कहालीकि यहां धरती पर हमरो कोयी स्थायी नगर नहाय, बल्की हम आवन वालो एक नगर की खोज म हंय। 15 चलो आवो हम यीशु को द्वारा परमेश्वर की स्तुतिरूपी बलिदान अर्पन करे, जो उन होठों को फर हय जिन्न कबूल करयो। 16 भलायी करनो अऊर एक दूसरों की मदत करनो मत भूलो, कहालीकि परमेश्वर असोच बलिदान सी खुश होवय हय।
17 अपनो अगुवों की आज्ञा मानो अऊर उन्को आदेशों पर चलो। कहालीकि हि तुम पर बिना आराम करे असी चौकसी रखय हय, जसो मानो उन्ख अपनो कामों को लेखा जोखा परमेश्वर ख देना हय। यदि तुम उन्की आज्ञा मानो त हि खुशी को संग अपनो काम करे; यदि तुम नहीं मानो त दु:ख को संग मददगार साबित नहीं होयेंन।
18 हमरो लायी प्रार्थना करतो रहो, कहालीकि हम्ख भरोसा हय कि हमरो अन्तरमन शुद्ध हय: हम सब बातों म अच्छी चाल चलनो चाहजे हंय। 19 मय तुम सी आग्रह करू हय की तुम प्रार्थना करतो रहो ताकी मय जल्दीच तुम्हरो जवर आय सकू हय।
24 अपनो सब अगुवों अऊर सब परमेश्वर को लोगों ख हमरो नमस्कार कहजो। इटली वालो विश्वासी लोग तुम्ख नमस्कार कह्य हंय।
25 तुम सब पर परमेश्वर को अनुग्रह होतो रहे। आमीन।
<- इब्रानियों 12- a व्यवस्थाविवरन ३१:६