1 व्यवस्था त आवन वालो अच्छी बातों की मात्र छाव हय, पर ऊ वा वास्तविक बातों को अपनो आप म हि बुरो अऊर विश्वास लायक आदर नहाय उनच बलियों को द्वारा जिन्ख निरन्तर हर साल अनन्त रूप सी चढ़ायो जावय हंय, आराधना को जवर आवन वालो ख हमेशा को लायी सम्पुर्न सिद्ध नहीं करयो जाय सकय। 2 यदि असो होय पातो त का उन्को चढ़ायो जानो बन्द नहीं होय जातो? कहालीकि फिर त उपासना करन वालो एकच बार म हमेशा हमेशा लायी पवित्र होय जातो अऊर अपनो पापों को लायी फिर कभी खुद ख अपराधी नहीं समझय। 3 किन्तु हर साल चढ़ायो जान वाली बली आदमी ख उन्को पाप याद करावय हय। 4 कहालीकि बईलो अऊर बकरा को खून पापों ख दूर कर दे, असो सम्भव नहाय।
5 येकोलायी जब मसीह यो जगत म आयो होतो त ओन कह्य होतो,
11 हर एक याजक हर दिन खड़ो होय क अपनो धार्मिक कर्तव्यों ख पूरो करय हय, अऊर एकच तरह को बलिदान ख जो पापों ख कभी भी दूर नहीं कर सकय, बार–बार चढ़ावय हय। 12 पर मसीह त याजक को रूप म पापों को लायी हमेशा को लायी बलिदान चढ़ाय क परमेश्वर को दायो हाथ जाय बैठ्यो, 13 अऊर उच समय सी अपनो दुश्मनों ख परमेश्वर को द्वारा ओको पाय को खल्लो की चौकी बनाय दियो जान की बाट देख रह्यो हय। 14 कहालीकि ओन एकच चढ़ावा को द्वारा उन्ख जो पवित्र करयो जावय हंय, हमेशा को लायी सिद्ध कर दियो हय।
15 अऊर पवित्र आत्मा भी हम्ख योच गवाही देवय हय; कहालीकि ओन पहिले कह्यो होतो,
26 कहालीकि सच्चायी की पहिचान हासिल करन को बाद यदि हम जान बूझ क पाप करतो रहे, त पापों को लायी फिर कोयी बलिदान बाकी नहाय। 27 बल्की फिर त आवन वालो न्याय अऊर भीषन आगी को डर को संग बाट देखनोंच बाकी रह जावय हय जो परमेश्वर को विरोधियों ख भस्म कर देयेंन। 28 जो कोयी जब मूसा की व्यवस्था को पालन नहीं करय, ओख बिना दया दिखाये दोय यां तीन गवाहों की गवाही ख मान क, मार डाल्यो जावय हय, 29 त सोच लेवो कि ऊ कितनो अऊर भी भारी दण्ड को लायक ठहरेंन, जितनो परमेश्वर को टुरा ख पाय सी खुंद्यो अऊर वाचा को खून ख, जेको द्वारा ऊ पवित्र ठहरायो गयो होतो, अपवित्र जान्यो हय, अऊर अनुग्रह की आत्मा को अपमान करयो। 30 कहालीकि हम ओख जानजे हंय, जेन कह्यो होतो, “बदला लेनो मोरो काम आय, मयच बदला लेऊ।” अऊर फिर ऊ यो भी कह्य हय, “प्रभु अपनो लोगों को न्याय करेंन।” 31 जीन्दो परमेश्वर को हाथों म पड़नो भयानक बात हय।
32 पर उन पिछलो दिनो ख याद करो, जिन म तुम परमेश्वर की ज्योति पा क, ओको बाद जब तुम दु:खों को सामना करतो हुयो कठोर संघर्ष म मजबुतायी को संग डट्यो रहे। 33 अऊर तब कभी त सब लोगों को सामने अपमानित अऊर सतायो गयो अऊर कभी जिन्को संग असो बर्ताव करयो जाय रह्यो होतो, तुम न उन्को साथ दियो। 34 कहालीकि तुम कैदियों को दु:ख म सहानुभूति रखी, अऊर अपनी जायजाद भी खुशी सी लुटन दी; यो जान क कि तुम्हरो जवर एक अऊर भी अच्छी अऊर हमेशा ठहरन वाली जायजाद हय। जो हमेशा लायी बनी रह्य हय। 35 येकोलायी अपनी हिम्मत मत छोड़ो कहालीकि ओको प्रतिफल बड़ो हय। 36 कहालीकि तुम्ख धीरज धरनो जरूरी हय, ताकि परमेश्वर की इच्छा ख पूरी कर क् अऊर जो प्रतिज्ञा करी गयी हय ओख हासिल करो। 37 “कहालीकि जसो वचन कह्य हय: बहुतच जल्दी समय म जो आवन वालो हय ऊ आयेंन, ऊ देर नहीं लगायेंन। 38 पर मोरी सच्चायी सी चलन वालो लोग को विश्वास सी जीन्दो रहेंन, अऊर यदि उन्म सी कोयी पीछू हटेंन त मय ओको सी खुश नहीं रहूं।” 39 पर हम पीछू हटन वालो नहाय कि नाश होय जाये बल्की उन म सी जो हय विश्वास करय हय अऊर बचायो जावय हय।
<- इब्रानियों 9इब्रानियों 11 ->- a यिर्मयाह ३१:३३