6 [a]जसो-जसो अब्राहम को अनुभव को बारे म शास्त्र म लिख्यो हय, “परमेश्वर पर विश्वास करयो अऊर यो ओको लायी सच्चो गिन्यो गयो।” 7 [b]अब यो जान लेवो कि जो विश्वास करन वालो हंय, हिच अब्राहम की सन्तान आय। 8 अऊर पवित्र शास्त्र न पहिलेच सी भविष्यवानी करी होती कि परमेश्वर गैरयहूदियों ख विश्वास सी सच्चो ठहरायेंन। पहिलेच सी अब्राहम ख यो सुसमाचार कि घोषना कर दियो “तोरो द्वारा सब लोग आशीष पायेंन।” 9 अब्राहम न विश्वास करयो अऊर आशिषित भयो; उच तरह जो विश्वासी रखय हय हि आशीष पावय हय।
10 येकोलायी जितनो लोग व्यवस्था को पालन कर क् जीवय हय, हि सब श्राप को अधीन हंय। कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय, “जो कोयी व्यवस्था की किताब म लिखी हुयी सब बातों ख पालन करन म स्थिर नहीं रह्य, त ऊ परमेश्वर को श्राप को अधीन हय।” 11 पर या बात साफ हय कि व्यवस्था को द्वारा परमेश्वर को यहां कोयी सच्चो नहीं ठहरय, कहालीकि शास्त्र असो कह्य हय, सच्चो लोग विश्वास सी जीन्दो रहेंन। 12 पर व्यवस्था को विश्वास को संग कोयी सम्बन्ध नहाय; बल्की जसो शास्त्र म लिख्यो हय, “जो उन्को करेंन, ऊ उन्को सहारा जीन्दो रहेंन।”
13 पर मसीह हमरो लायी श्रापित बन्यो, ताकी हम्ख व्यवस्था को श्राप सी छुड़ाये, कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय, “जो कोयी झाड़ पर लटकायो गयो हय ऊ परमेश्वर को श्राप को अधीन हय।” 14 यो येकोलायी भयो कि अब्राहम की आशीष मसीह यीशु म गैरयहूदियों तक पहुंचे, अऊर हम विश्वास को द्वारा वा आत्मा ख हासिल करे जेकी प्रतिज्ञा भयी हय।
19 तब फिर व्यवस्था को उद्देश का होतो? आज्ञा को अपराधो को वजह व्यवस्था ख वचन सी जोड़ दियो गयो होतो ताकी जेको लायी अब्राहम को वंशज को आवन तक ऊ रहे, प्रतिज्ञा दी गयी होती; अऊर ऊ स्वर्गदूतों को द्वारा मध्यस्थ सी दी गयी होती। 20 मध्यस्थ त दोय को बीच म होवय हय, पर परमेश्वर एकच आय।
23 पर विश्वास को आनो सी पहिले व्यवस्था की अधिनता म हमरी रखवाली होत होती, अऊर ऊ विश्वास को आवन तक जो प्रगट होन वालो होतो, हम ओकोच बन्धन म रहे। 24 येकोलायी हम्ख मसीह तक पहुंचान लायी व्यवस्था ख हमरो मार्गदर्शक ठहरायो हय कि हम विश्वास सी सच्चो ठहरे। 25 पर जब विश्वास आय चुक्यो, त हम अब व्यवस्था को अधीन नहीं रह्यो।
26 कहालीकि तुम सब ऊ विश्वास को द्वारा जो मसीह यीशु म एक होनो सी परमेश्वर की सन्तान हो। 27 अऊर तुम म सी जितनो न मसीह म एक होन को लायी बपतिस्मा लियो हय, उन्न मसीह यीशु ख मतलब ओको जीवन ख पहिन लियो हय। 28 अब नहीं यहूदी रह्यो अऊर नहीं गैरयहूदी, नहीं कोयी सेवक नहीं स्वतंत्र, नहीं कोयी नर अऊर नहीं नारी, कहालीकि तुम सब मसीह यीशु म मिल जान को वजह एक हो। 29 [d]अऊर यदि तुम मसीह को हय त अब्राहम को वंश अऊर प्रतिज्ञा को अनुसार वारिस भी हो।
<- गलातियों 2गलातियों 4 ->