1 शाऊल ओख मारन म सहमत होतो।
3 [a]शाऊल मण्डली ख उजाड़ रह्यो होतो; अऊर घर-घर घुस क पुरुषों अऊर बाईयों ख घसीट-घसीट क जेलखाना म डालत होतो।
9 येको सी पहिलो ऊ नगर म शिमोन नाम को एक आदमी होतो, जो जादू-टोना कर क् सामरियां को लोगों ख चकित करतो अऊर अपनो आप ख एक महान पुरुष बतावत होतो। 10 छोटो सी बड़ो तक सब ओको पर ध्यान दे क कहत होतो “यो आदमी परमेश्वर की वा सामर्थ आय, जो महान कहलावय हय।” 11 ओन बहुत दिन सी उन्ख अपनो जादू को कामों सी चकित कर रख्यो होतो, येकोलायी हि ओख बहुत मानत होतो। 12 पर जब उन्न फिलिप्पुस को विश्वास करयो जो परमेश्वर को राज्य अऊर यीशु मसीह को नाम को सुसमाचार सुनावत होतो त लोग, का पुरुष, का बाई, बपतिस्मा लेन लग्यो। 13 तब शिमोन न खुद भी विश्वास करयो अऊर बपतिस्मा ले क फिलिप्पुस को संग रहन लग्यो। ऊ चिन्ह चमत्कार अऊर बड़ो-बड़ो सामर्थ को काम होतो देख क चकित होत होतो।
14 जब प्रेरितों न जो यरूशलेम म होतो, सुन्यो कि सामरियों न परमेश्वर को वचन मान लियो हय त पतरस अऊर यूहन्ना ख उन्को जवर भेज्यो। 15 उन्न जाय क उन्को लायी प्रार्थना करी कि पवित्र आत्मा पाये। 16 कहालीकि ऊ अब तक उन्म सी कोयी पर नहीं उतरयो होतो; उन्न त केवल प्रभु यीशु को नाम म बपतिस्मा लियो होतो। 17 तब उन्न उन पर हाथ रख्यो अऊर उन्न पवित्र आत्मा पायो।
18 जब शिमोन न देख्यो कि प्रेरितों को हाथ रखन सी पवित्र आत्मा दियो जावय हय, त उन्को जवर रुपये लाय क कह्यो, 19 “यो अधिकार मोख भी दे, कि जो कोयी पर हाथ रखू ऊ पवित्र आत्मा पाये।”
20 पतरस न ओको सी कह्यो, “तोरो रुपये तोरो संग नाश होय, कहालीकि तय न परमेश्वर को दान रुपयों सी मोल लेन को बिचार करयो। 21 या बात म नहीं तोरो हिस्सा हय, नहीं भाग हय; कहालीकि तोरो मन परमेश्वर को आगु सही नहाय। 22 येकोलायी अपनी यो बुरायी सी मन फिराय क प्रभु सी प्रार्थना कर, होय सकय हय कि तोरो मन को बिचार माफ करयो जाये। 23 कहालीकि मय देखू हय कि तय पित्त जसी कड़वाहट अऊर पाप को बन्धन म पड़्यो हय।”
24 शिमोन न उत्तर दियो “तुम मोरो लायी प्रभु सी प्रार्थना करो कि जो बाते तुम न कहीं, उन्म सी कोयी मोर पर नहीं आय पड़े।”
25 येकोलायी हि गवाही दे क अऊर प्रभु को वचन सुनाय क यरूशलेम ख लौट गयो, अऊर सामरियों को बहुत सो गांवो म सुसमाचार सुनावतो गयो।
31 ओन कह्यो, “जब तक कोयी मोख नहीं समझाये त मय कसो समझू?” अऊर ओन फिलिप्पुस सी बिनती करी कि ऊ चढ़ क ओको जवर बैठ्यो। 32 धर्म शास्त्र को जो अध्याय ऊ पढ़ रह्यो होतो,
34 येको पर खोजे न फिलिप्पुस सी पुच्छ्यो, “मय तोरो सी प्रार्थना करू हय, यो बताव कि भविष्यवक्ता यो कौन को बारे म कह्य हय, अपनो यां कोयी दूसरों को बारे म?” 35 तब फिलिप्पुस न अपनो मुंह खोल्यो अऊर योच शास्त्र सी सुरूवात कर क् ओख यीशु को सुसमाचार सुनायो। 36 रस्ता म चलतो-चलतो हि कोयी पानी को जागा म पहुंच्यो। तब खोजे न कह्यो, “देख इत पानी हय, अब मोख बपतिस्मा लेनो म का रोक हय।” 37 फिलिप्पुस न कह्यो, “यदि तय पूरो मन सी विश्वास करय हय त ले सकय हय।” ओन उत्तर दियो, “मय विश्वास करू हय कि यीशु मसीह परमेश्वर को बेटा आय।”
38 तब ओन रथ खड़ो करन की आज्ञा दी, अऊर फिलिप्पुस अऊर खोजा दोयी पानी म उतरयो, अऊर ओन खोजा ख बपतिस्मा दियो। 39 जब हि पानी सी निकल क ऊपर आयो, त प्रभु को आत्मा फिलिप्पुस ख उठा ले गयो, अऊर खोजे न ओख फिर नहीं देख्यो, अऊर ऊ खुश होतो हुयो अपनो रस्ता पर चली गयो। 40 फिलिप्पुस अशदोद म आय निकल्यो, अऊर जब तक कैसरिया म नहीं पहुंच्यो, तब तक नगर-नगर सुसमाचार सुनावतो गयो।
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