2 स्तिफनुस न कह्यो, “हे भाऊ, अऊर पितरो सुनो। हमरो बाप अब्राहम हारान म बसनो सी पहिलो जब मेसोपोटामिया म होतो; त महिमामय परमेश्वर न ओख दर्शन दियो, 3 अऊर ओको सी कह्यो, ‘तय अपनो देश अऊर अपनो कुटुम्ब सी निकल क ऊ देश म जा, जेक मय तोख दिखाऊं।’ ” 4 तब ऊ कसदियों को देश सी निकल क हारान म जाय बस्यो। ओको बाप को मरन को बाद परमेश्वर न ओख उत सी यो देश म लाय क बसायो जेको म अब तुम बस्यो हय, 5 अऊर ओख कुछ मीरास बल्की पाय रखन भर की भी ओको म जागा नहीं दी, पर प्रतिज्ञा खायी कि मय यो देश तोरो अऊर तोरो बाद तोरो वंश को हाथ कर देऊ; यानेकि ऊ समय ओको कोयी बेटा भी नहीं होतो। 6 अऊर परमेश्वर न यो कह्यो, तोरी सन्तान को लोग परायो देश म परदेशी होयेंन, अऊर हि उन्ख सेवक बनायेंन अऊर चार सौ साल तक दु:ख देयेंन। 7 तब परमेश्वर न कह्यो, जो जात को हि सेवक होयेंन, ओख मय न्याय करू, अऊर येको बाद हि निकल क योच जागा मोरी सेवा करेंन। 8 अऊर ओन ओको सी खतना की वाचा बान्धी; अऊर योच दशा म इसहाक ओको सी पैदा भयो अऊर आठवो दिन ओको खतना करयो गयो; अऊर इसहाक सी याकूब अऊर याकूब सी बारा कुलपति पैदा भयो।
9 “कुलपतियों न यूसुफ सी जलन कर क् ओख मिस्र देश जान वालो को हाथ बेच्यो। पर परमेश्वर ओको संग होतो, 10 अऊर ओख ओको सब कठिनायी सी छुड़ाय क मिस्र को राजा फिरौन की नजर म अनुग्रह अऊर बुद्धि प्रदान करी, अऊर ओन ओख मिस्र पर अऊर अपनो पूरो घर पर शासक नियुक्त करयो।” 11 तब मिस्र अऊर कनान को पूरो देश म अकाल पड़्यो; जेकोसी भारी कठिन परिस्थिति भयी, अऊर हमरो बापदादों ख अनाज नहीं मिलत होतो। 12 पर याकूब न यो सुन क कि मिस्र म अनाज हय, हमरो बापदादों ख पहिली बार भेज्यो। 13 दूसरी बार यूसुफ न अपनो खुद ख अपनो भाऊ पर प्रगट करयो अऊर यूसुफ की जाती फिरौन ख मालूम भय गयी। 14 तब यूसुफ न अपनो बाप याकूब अऊर अपनो पूरो कुटुम्ब ख, जो पचत्तर आदमी होतो, बुलाय भेज्यो। 15 तब याकूब मिस्र म गयो; अऊर उत ऊ अऊर हमरो बापदादा मर गयो। 16 उन्को लाश शकेम म पहुंचायो जाय क ऊ कब्र म रख्यो गयो, जेक अब्राहम न चांदी दे क शकेम म हमोर की सन्तान सी मोल लियो होतो।
17 “पर जब वा प्रतिज्ञा को पूरो होन को समय जवर आयो जो परमेश्वर न अब्राहम सी करी होती, त मिस्र म हि लोग बढ़ गयो अऊर बहुत भय गयो।” 18 तब मिस्र म दूसरों राजा भयो जो यूसुफ ख नहीं जानत होतो। 19 ओन हमरी जाती सी चालाकी कर क् हमरो बापदादों को संग यो तक बुरो व्यवहार करयो, कि उन्ख अपनो बच्चां ख फेक देनो पड़्यो कि हि जीन्दो नहीं रहे। 20 ऊ समय मूसा पैदा भयो। ऊ परमेश्वर की नजर म बहुतच सुन्दर होतो। ऊ तीन महीना तक अपनो बाप को घर म पाल्यो गयो। 21 जब फेक दियो गयो त फिरौन की बेटी न ओख उठाय लियो, अऊर अपनो बेटा जसो पाल्यो। 22 मूसा ख मिस्रियों की पूरी विद्या पढ़ायो गयो, अऊर ऊ वचन अऊर कर्म दोयी म सामर्थी होतो।
23 “जब ऊ चालीस साल को भयो, त ओको मन म आयो कि मय अपनो इस्राएली भाऊ सी मुलाखात करू।” 24 ओन एक आदमी पर अन्याय होतो देख क ओख बचायो, अऊर मिस्री ख मार क सतायो हुयो को बदला लियो। 25 ओन सोच्यो कि ओको भाऊ समझेंन कि परमेश्वर ओको हाथों सी उन्को उद्धार करेंन, पर उन्न नहीं समझ्यो। 26 दूसरों दिन जब हि आपस म लड़ रह्यो होतो, त ऊ उत आयो; अऊर यो कह्य क उन्ख मेल करन लायी समझायो, हे पुरुषों, तुम त भाऊ-भाऊ आय, एक दूसरों पर कहाली अन्याय करय हय? 27 पर जो अपनो शेजारी पर अन्याय कर रह्यो होतो, ओन ओख यो कह्य क हटाय दियो, तोख कौन न हम पर शासक अऊर सच्चो ठहरायो हय? 28 का जो रीति सी तय न कल मिस्री ख मार डाल्यो मोख भी मार डालनो चाहवय हय? 29 या बात सुन क मूसा भग्यो अऊर मिद्यान देश म परदेशी होय क रहन लग्यो, अऊर उत ओको दोय बेटा पैदा भयो।
30 “जब पूरो चालीस साल बीत गयो, त एक स्वर्गदूत न सीनै पहाड़ी को जंगल म ओख जलती हुयी झाड़ी की लपेट म दर्शन दियो। 31 मूसा ख यो दर्शन देख क अचरज भयो, अऊर जब देखन लायी ऊ जवर गयो, त प्रभु को यो आवाज भयो, 32 ‘मय तोरो बापदादों, अब्राहम, इसहाक, अऊर याकूब को परमेश्वर आय,’ तब त मूसा काप गयो, यहां तक कि ओख देखन को हिम्मत नहीं रह्यो।” 33 तब प्रभु न ओको सी कह्यो, अपनो पाय सी चप्पल उतार लेवो, कहालीकि जो जागा तय खड़ो हय, ऊ पवित्र जमीन आय। 34 मय न सचमुच अपनो लोगों की जो मिस्र देश म हंय, दुर्दशा ख देख्यो हय; अऊर उन्की आह अऊर उन्को रोवनो सुन्यो हय; येकोलायी उन्ख छुड़ावन लायी उतरयो हय। अब आव, मय तोख मिस्र देश म भेजूं।
35 “जो मूसा ख उन्न यो कह्य क नकारयो होतो, ‘तोख कौन न हम पर शासक अऊर सच्चो ठहरायो हय?’ ओखच परमेश्वर न शासक अऊर छुड़ावन वालो ठहराय क, ऊ स्वर्गदूत को द्वारा जेन ओख झाड़ी म दर्शन दियो होतो, भेज्यो। 36 योच आदमी मिस्र देश अऊर लाल समुन्दर अऊर जंगल म चालीस साल तक अद्भुत काम अऊर चिन्ह चमत्कार दिखाय दिखाय क उन्ख निकाल लायो। 37 यो उच मूसा आय, जेन इस्राएलियों सी कह्यो, ‘परमेश्वर तुम्हरो भाऊ म सी तुम्हरो लायी मोरो जसो एक भविष्यवक्ता उठायेंन।’ 38 यो उच आय, जेन जंगल म मण्डली को बीच ऊ स्वर्गदूत को संग सीनै पहाड़ी पर ओको सी बाते करी अऊर हमरो बापदादों को संग होतो, ओखच जीन्दो वचन मिले कि हम तक पहुंचाये।”
39 “पर हमरो बापदादों न ओकी माननो नहीं चाह्यो, बल्की ओख हटाय क अपनो मन मिस्र को तरफ फिरायो, 40 अऊर हारून सी कह्यो, ‘हमरो लायी असो भगवान बना, जो हमरो आगु-आगु चलेंन, कहालीकि यो मूसा जो हम्ख मिस्र देश सी निकाल लायो, हम नहीं जानजे ओख का भयो?’ ” 41 उन दिन म उन्न एक बछड़ा बनाय क ओकी मूर्ति को आगु बलि चढ़ायी, अऊर अपनो हाथों को कामों म मगन होन लग्यो। 42 येकोलायी परमेश्वर न मुंह मोड़ क उन्ख छोड़ दियो, कि आसमान को तारांगन की पूजा करे, जसो भविष्यवक्तावों की किताब म लिख्यो हय:
44 “साक्षी को तम्बू जंगल म हमरो बापदादों को बीच म होतो, जसो ओन ठहरायो जेन मूसा सी कह्यो, जो नमुना तय न देख्यो हय, ओको अनुसार येख बनाव।” 45 उच तम्बू ख हमरो बापदादों पूर्वकाल सी पा क यहोशू को संग इत ले आयो; जो समय कि उन्न उन गैरयहूदियों पर अधिकार पायो, जिन्ख परमेश्वर न हमरो बापदादों को आगु सी निकाल दियो, अऊर ऊ तम्बू दाऊद को समय तक रह्यो। 46 ओको पर परमेश्वर न अनुग्रह करयो; येकोलायी ओन बिनती करी कि ऊ याकूब को परमेश्वर लायी रहन की जागा बनाये। 47 पर सुलैमान न ओको लायी घर बनायो।
48 “पर परमप्रधान हाथ को बनायो घरो म नहीं रह्य, जसो कि भविष्यवक्ता न कह्यो,”
51 “हे जिद्दी, अऊर मन अऊर कान को खतनारहित लोगों, तुम हमेशा पवित्र आत्मा को विरोध करय हय। जसो तुम्हरो बापदादों करत होतो, वसोच तुम भी करय हय। 52 भविष्यवक्तावों म सी कौन ख तुम्हरो बापदादों न नहीं सतायो? उन्न ऊ सच्चो को आवन को पूर्वकाल सी खबर देन वालो ख मार डाल्यो; अऊर अब तुम भी ओख पकड़न वालो अऊर मार डालन वालो भयो। 53 तुम न स्वर्गदूतों सी ठहरायो हुयो व्यवस्था त पायो, पर ओको पालन नहीं करयो।”
57 तब उन्न बड़ो आवाज सी चिल्लाय क कान बन्द कर लियो, अऊर एक संग ओको पर झपट्यो; 58 अऊर ओख नगर को बाहेर निकाल क ओको पर पथराव करन लग्यो। गवाहों न अपनो कपड़ा शाऊल नाम को एक जवान को पाय को जवर उतार क रख दियो। 59 हि स्तिफनुस पर पथराव करतो रह्यो, अऊर ऊ यो कह्य क प्रार्थना करतो रह्यो, “हे प्रभु यीशु, मोरी आत्मा ख स्वीकार कर।” 60 तब घुटना टेक क ऊचो आवाज सी पुकारयो, “हे प्रभु, यो पाप उन पर मत लगा।” अऊर यो कह्य क ऊ सोय गयो।
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