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प्रेरितों के कामों का वर्नन

प्रेरितों को कामों को वर्नन
परिचय
प्रेरितों को कामों की किताब मण्डली की सुरूवात की कहानी आय अऊर यो यरूशलेम सी यहूदिया, सामरियां अऊर ओको सी आगु तक कसी फैल गयी, जसो यीशु न अपनो चेलावों ख स्वर्ग म जान सी पहिले बतायो होतो। १:८ येख लूका म लिख्यो हय, जेन लूका को अनुसार सुसमाचार भी लिख्यो हय। ऊ एक डाक्टर होतो अऊर एक सही खाता लिखन लायी सावधान रहत होतो। उन्न अपनो सुसमाचार अऊर अधिनियमों की किताब थियुफिलुस ख बतायो, जो एक गैरयहूदी होतो, लेकिन किताबों को उद्देश शायद मसीही लोगों को लायी भी होतो जेको म गैरयहूदी अऊर यहूदी दोयी शामिल होतो १:१।
प्रेरितों को काम अंदाजन यीशु मसीह को जनम को बाद ६०-६४ साल को बीच लिख्यो गयो होतो कहालीकि किताब जेल सी पौलुस छुटन को पहिले खतम होवय हय। लूका न भी प्रेरित पौलुस को संग यात्रा की अऊर शायद अन्ताकिया शहर म नियम शास्त्र लिख्यो। प्रेरितों न लूका को सुसमाचार ख सुरू रख्यो अऊर यीशु को स्वर्ग म जान को संग सुरू होवय हय। लिखावट म लूका को उद्देश उन्को सुसमाचार को जसोच हय। ऊ थियुफिलुस चाहत होतो, संग म मसीहियों की बढ़ती संख्या सी निश्चित हय कि उन्ख का लिखायो गयो होतो अऊर येकोलायी उन्न यीशु को जीवन अऊर मसीही धर्म को प्रसार को एक सही लेख लिख्यो।
प्रेरितों की किताब हमरो लायी सुरूवाती मण्डली को उदाहरन प्रदान करय हय अऊर यीशु म विश्वास को जीवन लायी यो कसो दिखावत होतो। प्रेरितों को उदाहरन हम्ख दिखावय हय कि दूसरों ख सुसमाचार सन्देश फैलावन म पवित्र आत्मा की शक्ति पर भरोसा कसो करनो हय।
रूप-रेखा
१. पहिले पवित्र आत्मा चेलावों पर आवय हय अऊर मण्डली बढ़ावन लगय हय। १:१–८:१
२. येको बाद मण्डली ख सतायो जावय हय अऊर यरूशलेम सी आगु फैलावन लगय हय। ८:२–१२:२३
३. येको बाद पौलुस अपनी पहिली प्रचार यात्रा पर जावय हय। १२:२४–१४:२८
४. येको बाद सभा न यरूशलेम म बैठक कर क् यो तय करयो कि नयो विश्वासियों की का जरूरत हय। १५:१-३५
५. पहले पौलुस अपनी दूसरी प्रचार यात्रा पर जावय हय। १५:३६–१८:२२
६. येको बाद ऊ अपनी तीसरी प्रचार यात्रा पर जावय हय। १८:२३–२०:३८
७. तब पौलुस ख यरूशलेम म जेल म डाल्यो गयो। २१–२६
८. आखरी म पौलुस ख रोम शहर म पहुंचायो जानो। २७–२८

1
परिचय
1 [a]हे प्रिय, थियुफिलुस, मय न पहिली किताब उन सब बातों को बारे म लिख्यो जो यीशु सुरूवात सी करतो अऊर सिखावत रह्यो, 2 ऊ स्वर्ग म उठावन को दिन सी जब तक ऊ उन प्रेरितों ख जिन्ख ओन चुन्यो होतो पवित्र आत्मा सी आज्ञा दे क निर्देश देत रह्यो। 3 ओन मरन को बाद बहुत सो पक्को प्रमानों सी अपनो आप ख उन्ख जीन्दो दिखायो, अऊर चालीस दिन तक ऊ उन्ख दिखायी देतो रह्यो, अऊर परमेश्वर को राज्य की बाते करत रह्यो। 4 [b]अऊर उन्को सी मिल क उन्ख आज्ञा दियो, “यरूशलेम ख मत छोड़ो, पर बाप की ऊ प्रतिज्ञा की पूरो होन की रस्ता देखत रहो, जेको बारे म मय न तुम्ख बतायो होतो। 5 [c]कहालीकि यूहन्ना न त पानी सी बपतिस्मा दियो हय पर थोड़ो दिन को बाद तुम्ख पवित्र आत्मा सी बपतिस्मा दियो जायेंन।”
यीशु को स्वर्गारोहन
6 येकोलायी उन्न जमा होय क यीशु सी पुच्छ्यो, “हे प्रभु, का तय योच समय इस्राएल ख राज्य फिर सी दे देजो?”

7 यीशु न उन्को सी कह्यो, “उन समयो या कालो ख जाननो, जिन्ख बाप न अपनोच अधिकार म रख्यो हय, उन्ख जाननो तुम्हरो काम नोहोय। 8 [d]पर जब पवित्र आत्मा तुम पर आयेंन तब तुम सामर्थ पावों; अऊर यरूशलेम अऊर पूरो यहूदिया अऊर सामरियां म, अऊर धरती की छोर तक मोरो गवाह होयेंन।” 9 [e]यो कह्य क ऊ उन्को देखतो देखतो ऊपर उठाय लियो गयो, अऊर बादर न ओख उनकी आंखी सी लूकाय लियो।

10 ओको जातो समय जब हि आसमान को तरफ लगातार देख रह्यो होतो, त देखो, दोय पुरुष उज्वल कपड़ा पहिन्यो हुयो उन्को जवर आय खड़ो भयो, 11 अऊर ओन कह्यो, “हे गलीली लोगों, तुम कहाली खड़ो आसमान को तरफ देख रह्यो हय? योच यीशु, जो तुम्हरो जवर सी स्वर्ग पर उठाय लियो गयो हय, जो रीति सी तुम न ओख स्वर्ग ख जातो देख्यो हय उच रीति सी ऊ फिर आयेंन।”

यहूदा को जागा मत्तियाह की नियुक्ति
(मत्ती २७:३-१०)

12 तब प्रेरित जैतून नाम की पहाड़ी सी उतरयो जो यरूशलेम को जवर एक किलोमीटर की दूरी पर हय, यरूशलेम ख लौट्यो। 13 [f]जब हि उत पहुंच्यो त ऊ ऊपर को कमरा म गयो, जित पतरस अऊर यूहन्ना अऊर याकूब अऊर अन्द्रियास अऊर फिलिप्पुस अऊर थोमा अऊर बरतुल्मै अऊर मत्ती अऊर हलफई को टुरा याकूब अऊर शिमोन जेलोतेस अऊर याकूब को बेटा यहूदा रहत होतो। 14 हि सब कुछ बाईयों अऊर यीशु की माय मरियम अऊर ओको भाऊवों को संग एक चित अऊर जमा होय क प्रार्थना म लग्यो रह्यो।

15 फिर कुछ दिनो बाद पतरस भाऊवों को बीच म जो एक सौ बीस विश्वासी लोग को लगभग होतो, खड़ो होय क कहन लग्यो, 16 “हे भाऊवों, यीशु ख पकड़न वालो को अगुवा जरूर होतो कि पवित्र शास्त्र को ऊ लेख पूरो होय जो दाऊद को मुंह सी यहूदा को बारे म, पवित्र आत्मा न जो पहिले सी कह्यो होतो ओको पूरो होनो जरूरी होतो। 17 ऊ हमरो बीच म सी एक होतो, अऊर यो कार्य म सहभागी होन लायी चुन्यो गयो होतो।” 18 [g]ओन अधर्म की कमायी सी एक खेत लेय लियो, अऊर मुंड को बल गिरयो अऊर ओको पेट फट गयो अऊर ओकी सब अतड़िया निकल गयी। 19 या बात ख यरूशलेम को सब रहन वालो जान गयो, यहां तक कि ऊ खेत को नाम उन्की भाषा म हकलदमा यानेकि “खून को खेत” पड़ गयो।

20 भजन संहिता म लिख्यो हय,[h]

“ओको घर उजड़ जाये;
अऊर ओको म कोयी नहीं बसे,”
“अऊर ओको पद कोयी
दूसरों ले ले।”

21 [i]“येकोलायी जितनो दिन तक प्रभु यीशु हमरो संग आतो जातो रह्यो यानेकि यूहन्ना को बपतिस्मा सी ले क ओको हमरो जवर सी ऊपर उठायो जान तक जो लोग बराबर हमरो संग रह्यो, 22 यूहन्ना को बपतिस्मा सी ले क प्रभु को स्वर्गारोहन को दिन तक जो लोग बराबर हमरो संग होतो, उन्म सी एक लोग हमरो संग यीशु को जीन्दो होन को गवाह होय जाये।”

23 तब उन्न दोय ख खड़ो करयो, एक यूसुफ ख जो बरसब्बा कहलावय हय, जेको उपनाम यूसतुस हय, दूसरों मत्तियाह ख, 24 अऊर या प्रार्थना करी, “हे प्रभु, तय जो सब को मन जानय हय, यो प्रगट कर कि इन दोयी म सी तय न कोन्ख चुन्यो हय, 25 कि ऊ यो प्रेरितायी की सेवकायी को पद ले, जेक यहूदा छोड़ क अपनो जागा म चली गयो।” 26 तब उन्न उन्को बारे म चिट्ठियां डाली, अऊर चिट्ठी मत्तियाह को नाम पर निकली। येकोलायी ऊ उन ग्यारा प्रेरितों को संग गिन्यो गयो।

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