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तीमुथियुस के नाम पौलुस प्रेरित की दूसरी पत्री

तीमुथियुस को नाम पौलुस प्रेरित की दूसरी चिट्ठी
परिचय
२ तीमुथियुस की किताब प्रेरित पौलुस को दूसरों सेवक तीमुथियुस लायी दूसरी चिट्ठी आय। २ तीमुथियुस पौलुस को जीवन को आखरी म लिखी गयी होती। यो समय रोम म ओख बन्दी बनाय लियो गयो होतो १:१६। पौलुस न तीमुथियुस को संग घनो सम्बन्ध रख्यो अऊर हमेशा ओख एक टुरा को रूप म दर्शायो हय। फिलिप्पियों २:२२,१ तीमुथियुस १:२; १:१८।
या पौलुस की चार चिट्ठियों म सी एक आय जेक मण्डली को बजाय कोयी आदमी ख सम्बोधित करयो जावय हय। दूसरी तीन असी चिट्ठी १ तीमुथियुस, तीतुस अऊर फिलेमोन आय। ऊ समय को दौरान २ तीमुथियुस लिख्यो गयो होतो, रोमन साम्राज्य को मसीहियों ख सतायो जाय रह्यो होतो। शायद योच वजह होतो की पौलुस जेलखाना म होतो अऊर तीमुथियुस ख कठिनायी ख एकसमना करन को निर्देश देत होतो। १ तीमुथियुस म, पौलुस न तीमुथियुस ख झूठो शिक्षकों को बारे म कुछ चेतावनी दी। १ तीमुथियुस १:१६-१८ ऊ तीमुथियुस ख भी बतावय हय कि आगु कठिन समय रहेंन३:१।
रूप-रेखा
१. पौलुस अऊर तीमुथियुस को अभिवादन सी सुरू होवय हय। अऊर फिर ओख प्रोत्साहित करय हय। १:१-१८
२. तब ऊ तीमुथियुस ख सहन करन लायी चुनौती देवय हय। २:१-१३
३. हर समय ऊ ओख कुछ दूसरों निर्देश देवय हय। २:१४-२६
४. फिर ऊ ओख भविष्य की घटनावों अऊर जवाब देन को सही तरीका को बारे म चेतावनी देवय हय। ३:१–४:८
५. पौलुस तीमुथियुस लायी कुछ व्यक्तिगत बातों को संग चिट्ठी लिखनो बन्द करय हय। ४:९-२२

1 पौलुस को तरफ सी जो परमेश्वर की इच्छा सी जो मसीह यीशु को प्रेरित हय, अऊर जेक मसीह यीशु म एक होन लायी प्रतिज्ञा को प्रचार करन लायी भेज्यो हय। 2 [a]प्रिय बेटा तीमुथियुस को नाम परमेश्वर बाप अऊर हमरो प्रभु मसीह यीशु की तरफ सी मोख अनुग्रह अऊर दया अऊर शान्ति मिलती रहे।

धन्यवाद अऊर प्रोत्साहन
3 मय परमेश्वर ख धन्यवाद करू हय जेकी सेवा मय शुद्ध विवेक सी करू हय, जसो मोरो बाप दादावों न करयो। अऊर रात दिन जब मय हमेशा अपनी प्रार्थनावों म तुम्ख याद करू हय, तब मय ओख धन्यवाद करू हय। 4 अऊर तोरो आसुवों की सुधि ले क तोरो सी मिलन की आशा रखू हय कि खुशी सी भर जाऊं। 5 [b]मय तोरो ऊ सच्चो विश्वास की याद करू हय, जो पहिले तोरी आजी लोइस अऊर तोरी माय यूनीके म होती, अऊर तोख निश्चय हय कि उच विश्वास तोरो म भी हय। 6 योच वजह मय तोख याद दिलाऊं हय कि तय ऊ वरदान ख जीन्दो रख जो तोरो ऊपर मोरो हाथ रखन को द्वारा परमेश्वर न तोख दियो। 7 कहालीकि परमेश्वर न हम्ख डर की नहीं पर सामर्थ, प्रेम अऊर संय्यम की आत्मा दी हय।

8 येकोलायी हमरो प्रभु की गवाही सी, अऊर मोरो सी जो मसीह को कैदी हय, लज्जित मत हो, पर ऊ सामर्थ जो परमेश्वर न तोख दी हय ओको अनुसार सुसमाचार को लायी मोरो संग दु:ख उठाव। 9 जेन हम्ख बचायो अऊर पवित्र जीवन जीन को लायी बुलायो, अऊर यो हमरो कामों को अनुसार नहीं; पर ओको उद्देश अऊर ऊ अनुग्रह को अनुसार हय। ओन यो अनुग्रह हम पर करयो हय मतलब प्रभु यीशु मसीह को द्वारा अनन्त काल को सुरूवात सी हम पर भयो हय। 10 पर अब हमरो उद्धारकर्ता मसीह यीशु को प्रगट होनो सी प्रगट भयो। जेन मृत्यु को सामर्थ ख नाश करयो अऊर अनन्त जीवन को सुसमाचार को द्वारा प्रगट करयो।

11 [c]जेको लायी परमेश्वर न मोख प्रचारक, प्रेरित अऊर शिक्षक लायी नियुक्त करयो, ताकी मय सुसमाचार की घोषना करू। 12 यो वजह मय इन दु:खों ख भी उठाऊ हय, पर लजाऊ नहीं, कहालीकि मय ओख जेक पर मय न विश्वास करयो हय, जानु हय; अऊर मोख निश्चय हय कि वा मोरी धरोहर की ऊ दिन तक रखवाली कर सकय हय। 13 जो सही बाते मोरो सी सुनी हय कि प्रभु यीशु मसीह म अच्छी शिक्षा, विश्वास अऊर प्रेम को संग, एक आदर्श को रूप म कायम रख। 14 अऊर पवित्र आत्मा सी जो हम म बस्यो हुयो हय, या अच्छी बातों की रखवाली कर।

15 तय जानय हय कि आसिया प्रान्त वालो सब मोरो सी फिर गयो हंय, जिन्म फूगिलुस अऊर हिरमुगिनेस हंय। 16 उनेसिफुरुस को घरानों पर प्रभु दया करेंन, कहालीकि ओन बहुत बार मोख सुख पहुंचायो तथा ऊ मोरी संकली म रहन सी लज्जित नहीं भयो। 17 पर जब ऊ रोम शहर म आयो, जब तक मय नहीं मिल्यो तब तक मोख ढूंढतो रह्यो। 18 प्रभु करे कि ऊ दिन ओको पर प्रभु की दया हो अऊर जो जो सेवा ओन इफिसुस म करी हय उन्ख भी तय अच्छो सी जानय हय।

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