8 मय आज्ञा की रीति पर त नहीं, पर दूसरों को उत्साह सी तुम्हरो प्रेम की सच्चायी ख परखन लायी कहू हय। 9 तुम हमरो प्रभु यीशु मसीह को अनुग्रह जानय हय कि ऊ धनी होय क भी तुम्हरो लायी गरीब बन गयो, ताकि ओको गरीब होय जानो सी तुम धनी होय जावो।
10 या बात म मोरी सलाह याच हय: यो तुम्हरो लायी अच्छो हय, जो एक साल सी नहीं त केवल यो काम ख करनोंच म, पर या बात को चाहनो म भी पहिलो भयो होतो, 11 येकोलायी अब यो काम पूरो करो कि जसो इच्छा करनो म तुम तैयार होतो, वसोच अपनी अपनी पूंजी को अनुसार पूरो भी करो। 12 कहालीकि यदि मन की तैयारी होय त दान ओको अनुसार स्वीकार भी होवय हय जो ओको जवर हय; नहीं कि ओको अनुसार जो ओको जवर हयच नहाय।
13 यो नहीं कि दूसरों ख चैन अऊर तुम ख कठिनायी मिले, 14 पर बराबरी को बिचार सी यो समय तुम्हरी बढ़ती उनकी कमी म काम आये, ताकि उनकी बढ़ती भी तुम्हरी कमी म काम आये कि बराबरी होय जाये। 15 जसो शास्त्र म लिख्यो हय, “जेन बहुत जमा करयो ओको कुछ जादा नहीं निकल्यो, अऊर जेन थोड़ो जमा करयो ओको कुछ कम नहीं निकल्यो।”
20 हम या बात म चौकस रहजे हंय कि यो उदारता को काम को बारे म जेकी सेवा हम करजे हंय, कोयी हम पर दोष नहीं लगानो पाये। 21 कहालीकि जो बाते केवल प्रभुच को जवर नहीं, पर आदमियों को जवर भी ठीक हंय हम उनकी चिन्ता करजे हंय।
22 हम न ओको संग अपनो भाऊ ख भी भेज्यो हय, जेक हम न बार-बार परख क् बहुत बातों म उत्साही पायो हय; पर अब तुम पर ओख बड़ो भरोसा हय, यो वजह ऊ अऊर भी जादा उत्साही हय। 23 यदि कोयी तीतुस को बारे म पुछेंन, त ऊ मोरो संगी अऊर तुम्हरो लायी मोरो सहकर्मी आय; अऊर यदि हमरो भाऊवों को बारे म पुछेंन, त हि मण्डलियों ख भेज्यो हुयो अऊर मसीह की महिमा आय। 24 यानेकि अपनो प्रेम अऊर हमरो ऊ घमण्ड जो तुम्हरो बारे म हय मण्डलियों को आगु सिद्ध कर क् उन्ख दिखावो।
<- २ कुरिन्थियों 7२ कुरिन्थियों 9 ->- a रोमियों १५:२६