6 [a]तुम्हरो घमण्ड करनो अच्छो नहाय; का तुम नहीं जानय कि थोड़ो सो खमीर पूरो उसन्यो हुयो आटा ख खमीर कर देवय हय। 7 पुरानो खमीर निकाल क अपनो आप ख शुद्ध करो कि नयो उसन्यो हुयो आटा बन जावो; ताकि तुम अखमीरी बन जावो अच्छो जसो तुम हय! कहालीकि हमरो भी फसह को मेम्ना, जो मसीह आय, बलिदान भयो हय। 8 येकोलायी आवो, हम उत्सव म खुशी मनाबो, नहीं त पुरानो खमीर सी अऊर नहीं बुरायी अऊर दुष्ट हरकत को खमीर सी, पर सीधायी अऊर सच्चायी की अखमीरी रोटी सी।
9 मय न अपनी चिट्ठी म तुम्ख लिख्यो हय कि व्यभिचारियों की संगति नहीं करनो। 10 यो नहीं कि तुम बिल्कुल यो जगत को व्यभिचारियों, यां लोभियों, यां चोरी करन वालो, यां मूर्तिपूजकों की संगति नहीं करे; कहालीकि यो दशा म त तुम्ख जगत म सी निकल जानो पड़तो। 11 पर मोरो कहनो यो आय कि यदि कोयी भाऊ कह्य लाय क, व्यभिचारी, यां लोभी, यां मूर्तिपूजक, यां गाली देन वालो, यां पियक्कड़, यां चोरी करन वालो हय, त ओकी संगति मत करजो; बल्की असो आदमी को संग खाना भी मत खाजो।
12 कहालीकि मोख बाहेर वालो को न्याय करन सी का काम? का तुम अन्दर वालो को न्याय नहीं करय? 13 पर बाहेर वालो को न्याय परमेश्वर करय हय। येकोलायी ऊ कुकर्मी ख अपनो बीच म सी निकाल दे।
<- १ कुरिन्थियों 4१ कुरिन्थियों 6 ->- a गलातियों ५:९