3 योच वजह मय न सब सी पहिले तुम्ख उच बात पहुंचाय दियो, जो मोख पहुंची होती कि पवित्र शास्त्र को वचन को अनुसार या बहुत किमती बात हय कि यीशु मसीह हमरो पापों लायी मर गयो, 4 [a]अऊर गाड़्यो गयो, अऊर पवित्र शास्त्र को अनुसार तीसरो दिन जीन्दो भयो, 5 [b]अऊर पतरस ख तब बारयी ख भी दिखायी दियो। 6 तब ऊ पाच सौ सी जादा विश्वासियों ख एक संग दिखायी दियो, जिन्म सी बहुत सो अब तक जीन्दो हंय पर कुछ मर गयो। 7 तब ऊ याकूब ख दिखायी दियो तब सब प्रेरितों ख दिखायी दियो।
8 [c]सब को बाद मोख भी दिखायी दियो, जो मानो अधूरो दिनो को पैदा भयो हय। 9 [d]कहालीकि मय प्रेरितों म सब सी छोटो हय, बल्की प्रेरित कहलान को लायक भी नहाय, कहालीकि मय न परमेश्वर की मण्डली ख सतायो होतो। 10 पर मय जो कुछ भी हय, परमेश्वर को अनुग्रह सी हय। ओको अनुग्रह जो मोरो पर भयो, ऊ बेकार नहीं भयो; पर मय न उन सब सी बढ़ क मेहनत भी करयो: तब भी यो मोरो तरफ सी नहीं भयो पर परमेश्वर को अनुग्रह मोरो पर होतो। 11 येकोलायी चाहे मय आय, चाहे उन हो, हम योच प्रचार करजे हंय, अऊर येको पर तुम न विश्वास भी करयो।
20 पर सचमुच मसीह मुर्दा म सी जीन्दो भयो हय, अऊर जो मर गयो हंय उन्म ऊ पहिलो सबूत हय। 21 कहालीकि जब एक आदमी को द्वारा हि मृत्यु आयी, त एक आदमी को द्वाराच मरयो हुयो को पुनरुत्थान भी आयो। 22 अऊर जसो आदम न सब पर मृत्यु लायी, वसोच मसीह सब ख जीवन देयेंन, 23 मृत्यु म सी पहिले मसीह जीन्दो होयेंन, तब ऊ वापस आयेंन तब ओको पर जो विश्वास करेंन ऊ जीन्दो होयेंन। 24 येको बाद अन्त होयेंन। ऊ समय ऊ पूरो शासक, अधिकार अऊर सामर्थ को मसीह को द्वारा अन्त कर क् राज्य ख परमेश्वर पिता को हाथ म सौंप देयेंन। 25 कहालीकि जब तक ऊ अपनो दुश्मनों ख अपनो पाय खल्लो नहीं ले आवय, तब तक मसीह को राज्य करनो जरूरी हय। 26 सब सी आखरी दुश्मन जो नाश करयो जायेंन, वा मृत्यु आय। 27 कहालीकि शास्त्र कह्य हय “परमेश्वर न सब कुछ ओको पाय खल्लो कर दियो हय,” पर जब ऊ कह्य हय कि सब कुछ मसीह को अधीन कर दियो गयो हय त स्पष्ट हय कि जेन ओको अधीन कर दियो, परमेश्वर खुद अलग रह्यो। 28 अऊर जब सब कुछ ओको अधीन होय जायेंन, त बेटा खुद भी ओको अधीन होय जायेंन, जेन ओको अधीन कर दियो, ताकि सब म परमेश्वर सब बातों म राज करेंन।
29 नहीं त जो लोग मरयो हुयो लायी बपतिस्मा लेवय हंय हि का करेंन? यदि मुर्दा फिर सी जीन्दो होतोच नहीं त फिर कहाली उन्को लायी बपतिस्मा लेवय हंय? 30 अऊर हम भी कहाली हर समय खतरा म पड़्यो रहजे हंय? 31 हे भाऊ-बहिनों, मोख ऊ गर्व सी जो हमरो प्रभु मसीह यीशु म मय तुम्हरो बारे म करू हय कि मय हर दिन मरू हय। 32 यदि मय आदमी की रीति पर इफिसुस म जंगल को जनावर जसो सी लड़्यो त मोख का फायदा भयो? यदि मुर्दा जीन्दो करयो नहीं जाये, “त आवो, खाबोंन-पीबो, कहालीकि कल त मरनोच हय।”
33 धोका मत खा, “बुरी संगति अच्छो चरित्र ख बिगाड़ देवय हय।” 34 जसो की उचित हय अऊर पाप छोड़ो; कहालीकि कुछ असो हंय जो परमेश्वर ख नहीं जानय। मय तुम्ख शर्मिन्दा करन लायी यो कहू हय।
39 सब शरीर एक जसो नहीं: आदमियों को शरीर अऊर हय, पशुवों को शरीर अऊर हय; पक्षिंयों को शरीर अऊर हय; मच्छी को शरीर अऊर हय।
40 स्वर्गीय शरीर हंय अऊर पार्थिव शरीर भी हंय। पर स्वर्गीय शरीर को तेज अऊर हय, अऊर पार्थिव को अऊर। 41 सूरज को तेज अऊर हय, चन्दा को तेज अऊर हय, अऊर चांदनियों को तेज अऊर हय, कहालीकि एक तारा सी दूसरों तारा को तेज म अन्तर हय।
42 मुर्दा को जीन्दो होनो भी असोच हय। शरीर नाशवान दशा म बोयो जावय हय अऊर अविनाशी रूप म जीन्दो उठय हय। 43 ऊ अपमान को संग बोयो जावय हय, अऊर तेज को संग जीन्दो होवय हय; कमजोर को संग बोयो जावय हय, अऊर महिमा को संग जीन्दो होवय हय। 44 स्वाभाविक शरीर गड़ायो जावय हय, अऊर आत्मिक शरीर जीन्दो होवय हय: जब कि स्वाभाविक शरीर हय, त आत्मिक शरीर भी हय। 45 असोच शास्त्र म लिख्यो हय, कि “पहिलो आदमी, मतलब आदम जीन्दो प्रानी बन्यो” अऊर आखरी आदम, जीवन दायक आत्मा हय। 46 पर पहिले आत्मिक नहीं होतो पर स्वाभाविक शरीर होतो, येको बाद आत्मिक भयो। 47 पहिलो आदमी आदम धरती सी मतलब माटी को होतो; दूसरों आदमी स्वर्गीय आय। 48 जसो ऊ माटी को होतो, वसोच हि भी हंय जो माटी को हंय; अऊर जसो ऊ स्वर्गीय हय, वसोच हि भी हंय जो स्वर्गीय हंय। 49 अऊर जसो हम न ओको शरीर धारन करयो जो माटी को होतो वसोच ऊ स्वर्गीय रूप भी धारन करबो।
50 हे भाऊ-बहिनों, मय यो कहू हय कि मांस अऊर खून परमेश्वर को राज्य को अधिकारी नहीं होय सकय, अऊर नहीं नाशवान अविनाशी को अधिकारी होय सकय हय।
51 [e]देखो, मय तुम सी भेद की बात कहू हय: हम सब नहीं मरबो, पर सब बदल जायेंन, 52 अऊर यो पल भर म, पलक मारतोच आखरी तुरही फूकतोच होयेंन। कहालीकि तुरही फूकी जायेंन अऊर मुर्दा अविनाशी दशा म उठायो जायेंन, अऊर हम बदल जाबो। 53 कहालीकि जरूरी हय कि यो नाशवान शरीर अविनाश ख पहिन ले, अऊर यो मरनहार शरीर अमरता ख पहिन ले। 54 अऊर जब यो नाशवान अविनाश ख पहिन लेन, अऊर यो मरनहार अमरता ख पहिन लेन, तब ऊ वचन जो लिख्यो हय पूरो होय जायेंन: “जय न मृत्यु को नाश कर दियो।”
58 येकोलायी हे मोरो प्रिय भाऊ-बहिनों, मजबूत अऊर अटल रहो, अऊर प्रभु को काम म हमेशा बढ़तो जावो, कहालीकि यो जानय हय कि तुम्हरी मेहनत प्रभु म बेकार नहाय।
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