Link to home pageLanguagesLink to all Bible versions on this site
स्तोत्र 124
आराधना के लिए यात्रियों का गीत. दावीद की रचना.
1 यदि हमारे पक्ष में याहवेह न होते—
इस्राएली राष्ट्र यही कहे—
2 यदि हमारे पक्ष में याहवेह न होते
जब मनुष्यों ने हम पर आक्रमण किया था,
3 जब उनका क्रोध हम पर भड़क उठा था
वे हमें जीवित ही निगल गए होते;
4 बाढ़ ने हमें जलमग्न कर दिया होता,
जल प्रवाह हमें बहा ले गया होता,
5 उग्र जल प्रवाह
हमें दूर बहा ले गया होता.
 
6 स्तवन हो याहवेह का,
जिन्होंने हमें उनके दांतों से फाड़े जाने से बचा लिया है.
7 हम उस पक्षी के समान हैं,
जो बहेलिए के जाल से बच निकला है;
वह जाल टूट गया,
और हम बच निकले.
8 हमारी सहायता याहवेह के नाम से है,
जो स्वर्ग और पृथ्वी के कर्ता हैं.

<- स्तोत्र 123स्तोत्र 125 ->