3 अहरोन ने यही किया. उसने दीपों को दीपदान के सामने की ओर रखा, जैसा याहवेह ने मोशेह द्वारा आज्ञा दी थी. 4 इस दीपदान की बनावट इस प्रकार की गई थी: यह पीटे हुए सोने से बनाया गया था. यह इसके आधार से दीप फूलों तक पीटे हुए सोने से बना था. यह ठीक याहवेह द्वारा मोशेह को दिए गए नमूने के अनुसार था, तब उसने दीपदान को उसी के अनुसार बनाया था.
12 “फिर लेवी अपने हाथ उन बछड़ों पर रखेंगे और एक को याहवेह के लिए पापबलि तथा अन्य को होमबलि के रूप में भेंट कर देंगे ताकि इससे यह लेवियों के लिए प्रायश्चित बलि होगी. 13 तुम लेवियों को अहरोन तथा उसके पुत्रों के सामने खड़ा होने के लिए कहोगे, कि वे याहवेह के सामने हिलाने की भेंट के लिए अर्पण किए जाएं. 14 इस प्रकार तुम लेवियों को इस्राएल के घराने से अलग करोगे. लेवी मेरे रहेंगे.
15 “यह सब पूरा हो जाने पर लेवी जाकर मिलनवाले तंबू में अपनी-अपनी ठहराई गई सेवाओं में लग सकते हैं; मगर ज़रूरी है कि तुम उन्हें पवित्र कर उन्हें हिलाने वाली भेंट के रूप में अर्पण करोगे; 16 क्योंकि वे इस्राएल के घराने में से पूरी तरह मुझे दे दिए गए हैं. मैंने ही उन्हें इस्राएल के घराने में से हर एक स्त्री के गर्भ के पहलौंठों के स्थान पर अपने लिए ले लिया है. 17 क्योंकि इस्राएल के घराने में से हर एक पहलौठा मेरा है; चाहे मनुष्य हो अथवा पशु. जिस दिन मैंने मिस्र देश में हर एक पहलौठे को मारा था, मैंने लेवियों को अपने लिए अलग कर लिया था. 18 किंतु मैंने लेवियों को इस्राएल के घराने के हर एक पहिलौठों के स्थान पर ले लिया है. 19 मैंने लेवी वंशजों को इस्राएल के घराने में से अहरोन तथा उसके पुत्रों को भेंट के रूप में दे दिया है कि वे इस्राएल के घराने के लिए मिलनवाले तंबू की सेवा किया करें तथा इस्राएल के घराने के लिए प्रायश्चित करें, कि इस्राएल के घराने पर पवित्र स्थान के निकट आने पर महामारी न आ पड़े.”
20 फिर मोशेह, अहरोन तथा इस्राएल के घराने की पूरी सभा ने लेवियों के संबंध में यही किया जैसा आदेश याहवेह ने मोशेह को लेवियों के संबंध में दिया था. 21 दूसरी ओर, लेवियों ने भी स्वयं को अपने पापों से पवित्र किया तथा अपने वस्त्र धो डाले. अहरोन ने उन्हें याहवेह के सामने हिलायी हुई भेंट के रूप में चढ़ाया. अहरोन ने उन्हें शुद्ध करने के उद्देश्य से उनके लिए प्रायश्चित भी किया. 22 इसके बाद लेवी मिलनवाले तंबू में अहरोन एवं उसके पुत्रों के साथ अपनी-अपनी ठहराई हुई सेवाएं करने के लिए प्रवेश हुए, जैसा कि लेवियों के विषय में मोशेह को याहवेह की आज्ञा थी. यह सब वैसा ही पूरा कर दिया गया.
23 इसके बाद याहवेह ने मोशेह से कहा, 24 “लेवी सेवा के लिए यह विधि लागू होगी: पच्चीस वर्ष की आयु से ऊपर वे मिलनवाले तंबू में सेवा प्रारंभ किया करेंगे. 25 पचास वर्ष की अवस्था होने पर वे यह सेवा समाप्त कर सेवा निवृत्त हो जाएंगे. 26 हां, तब मिलनवाले तंबू में अपने भाइयों की सहायता अवश्य कर सकते हैं ताकि सेवा बिना किसी रुकावट के चलती रहे, किंतु वे स्वयं कोई कार्य नहीं करेंगे.”
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