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6
शत्रुओं की चाल
1 जब हमारे शत्रुओं सनबल्लत, तोबियाह, अरबी गेशेम और बाकी शत्रुओं को इसका समाचार मिला कि मैंने शहरपनाह को दोबारा बना लिया है, कि शहरपनाह में अब कहीं भी कोई दरार नहीं रह गई है, यद्यपि इस समय तक फाटकों में पल्ले बैठाए नहीं गए थे, 2 तब सनबल्लत और गेशेम ने मुझे यह संदेश भेजा “आप आइए कि हम ओनो के मैदान में चेपिरिम नामक स्थान पर भेंट करें.”
मगर इसके द्वारा उनका इरादा मेरा बुरा करने का ही था. 3 तब मैंने अपने दूत उन्हें इस संदेश के साथ भेजे: “मेरा यह काम बहुत बड़ा है, इसलिये मेरा यहां आना संभव नहीं है. यह कैसे सही हो सकता है कि मैं इसे छोड़कर आपसे भेंट करने वहां आऊं?” 4 उन्होंने चार बार यही संदेश भेजा और मैंने भी उन्हें वही उत्तर दिया.

5 तब सनबल्लत ने अपने सेवक द्वारा एक संदेश मेरे लिए भेजा यह वही संदेश पांचवी बार भेजा गया था. उसके हाथ में दिया यह खुला पत्र था. 6 पत्र में लिखा था:

“देश-देश के लोगों में यह कहा जाने लगा है और उसकी ख़बर हमें गशमू से प्राप्‍त हुई है, कि आप और यहूदी विद्रोह की योजना बना रहे हैं. शहरपनाह बनाना इसी योजना का भाग है. इन सूचनाओं के अनुसार आप उनको राजा बनने की योजना बना रहे हैं. 7 इसके लिए तो आपने येरूशलेम में भविष्यद्वक्ता भी ठहरा दिए हैं, जिनकी जवाबदारी होगी यह घोषणा करना: ‘यहूदियों में अब एक राजा है!’ अब यही ख़बर राजा को भी दी ही जाएगी. इसलिये अब आप आ जाइए हम आपस में सलाह करें.”

8 इसके उत्तर में मैंने उसे अपना दूत इस संदेश के साथ भेजा “आपके कहने के अनुसार यहां कुछ भी नहीं किया जा रहा हैं यह सब तो खुद आपके ही दिमाग की उपज है.”

9 उन सभी का लक्ष्य हमें डराना ही था. उनका सोचना था, “इससे वे डर जाएंगे और यह काम पूरा न हो सकेगा.”

मगर परमेश्वर, मेरी बाज़ुओं में ताकत दीजिए.

10 मैं मेहेताबेल के पोते देलाइयाह के पुत्र शेमायाह के घर पर गया, जो घर से बाहर जाने में असमर्थ था, उसने प्रस्ताव रखा, “हम परमेश्वर के भवन में मंदिर के अंदर ही इकट्ठा हों और मंदिर के दरवाजे बंद कर लें, क्योंकि वे आपकी हत्या के उद्देश्य से यहां आ रहे हैं और वे रात में ही आपकी हत्या करना चाह रहे हैं.”

11 किंतु मैंने इनकार किया, “क्या मेरे जैसे व्यक्ति के लिए इस प्रकार भागना अच्छा होगा? और क्या मुझ जैसे व्यक्ति के लिए मंदिर में जाकर अपना जीवन बचाना सही होगा? मैं नहीं जाऊंगा वहां!” 12 तब मुझे यह अहसास हो गया, कि निश्चित ही यह परमेश्वर द्वारा भेजी गई सलाह नहीं थी! उसने तो यह भविष्यवाणी के रूप में इसलिये कहा था, कि उसे तोबियाह और सनबल्लत ने पैसा दिया था. 13 शेमायाह को पैसे देकर मुझे डराने के लिए काम पर रखा गया था, कि मैं डरकर वही करूं, जिससे मैं परमेश्वर के विरुद्ध पाप कर बैठूं, और इसकी वजह से उन्हें मुझ पर दोष लगाने का मौका मिल जाए और मैं उनके लिए निंदा का पात्र बन जाऊं.

 
14 मेरे परमेश्वर, आप तोबियाह और सनबल्लत के इस काम को भुला दीजिए. उनके अलावा उस स्त्री, भविष्यद्वक्ता नोआदिया को भी और उन सभी भविष्यवक्ताओं को भी, जो मुझे डराने की कोशिश कर रहे थे. 15 इस प्रकार एलुल महीने की पच्चिसवीं तारीख पर 52 दिनों में शहरपनाह की मरम्मत का काम पूरा हो गया.
दीवार निर्माण का समापन
16 सभी शत्रुओं को यह समाचार मिल गया, हमारे सभी पास वाले देशों ने यह देख लिया. वे बहुत डर गए. क्योंकि उनके सामने यह साफ़ हो गया था कि यह काम हमारे परमेश्वर की सहायता ही से पूरा हो सका था.

17 इसके अलावा उन्हीं दिनों में यहूदिया के बड़े अधिकारियों और तोबियाह के बीच चिट्ठी बहुत आती-जाती थी. 18 क्योंकि यहूदिया के अनेक व्यक्ति तोबियाह का पक्ष लेने की शपथ लिए हुए थे, क्योंकि वह आराह के पुत्र शेकनियाह का दामाद था और उसके पुत्र येहोहानन का विवाह बेरेखियाह के पुत्र मेशुल्लाम की पुत्री से हुआ था. 19 इसके अलावा, वे मेरे ही सामने उसके भले कामों की सूचना भी दे दिया करते थे. तब तोबियाह ने मुझे डराने के लिए पत्र भेजना शुरू कर दिया.

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