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15
मोआब के विरोध में भविष्यवाणी
1 एक ही रात में मोआब का:
आर नगर उजाड़ दिया गया,
और उसी रात में मोआब के,
कीर नगर को नाश कर दिया गया!
2 दीबोन रोने के लिए अपने मंदिर में, हां उसकी ऊंची जगह में चढ़ गए;
और मोआब के लोग नेबो और मेदेबा नगरों के लिये दुःखी होकर चिल्ला रहे हैं.
वे दुःखी होकर अपने सिर
और दाढ़ी मुंडवा रहे हैं.
3 और सड़कों में वे टाट ओढ़े हुए हैं;
और अपने घरों की छतों और मैदानों में
वे रो-रोकर,
आंसू बहा रहे हैं.
4 हेशबोन तथा एलिआलेह नगर चिल्ला रहे हैं,
और उनकी चिल्लाहट याहज़ नगर तक सुनाई दे रही है.
इसलिये मोआब के सैनिक चिल्ला रहे हैं,
और मोआब कांप उठा है.
 
5 मेरा हृदय मोआब के लिए दुःखी है;
मोआब के लोग ज़ोअर,
तथा एगलथ शलिशियाह के नगर में चले गए हैं.
वे लूहीत की चढ़ाई,
रोते हुए चढ़ रहे हैं;
होरोनयिम की सड़क पर
इस नाश के कारण रो रहे हैं.
6 निमरीम नदी सूख गयी है,
घास मुरझा गई है;
हरियाली नहीं बची है.
7 इस कारण जो धन उन्होंने अपने लिये बचाया था
वे उसे अराबीम नाले के उस पार ले जा रहे हैं.
8 मोआब के देश में सब की चिल्लाहट सुनाई दे रही है;
इसके रोने की आवाज एगलयिम,
तथा बेर-एलीमा नगरों तक पहुंच गयी है.
9 क्योंकि दीमोन के सोते खून से भरे हैं,
फिर भी मैं दीमोन पर और अधिक विपत्ति डालूंगा—
भागे हुए मोआबी लोग
तथा उस देश के बचे हुए लोगों के विरुद्ध मैं एक सिंह भेजूंगा.