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लौट रहे निर्वासितों की सूची
1 इस प्रदेश के लोग, जो बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र द्वारा बंधुआई में ले जाए गए थे और जो बंधुआई से यहूदिया और येरूशलेम, अपने-अपने नगर को लौट आए थे, वे इस प्रकार है 2 ये वे हैं, जो ज़ेरुब्बाबेल के साथ आए थे: येशुआ, नेहेमियाह, सेराइयाह, रीलाइयाह, मोरदकय, बिलषान, मिसपार, बिगवाई, रेहुम और बाअनाह.
इस्राएली प्रजा के पुरुषों की संख्या अपने-अपने कुलों के अनुसार निम्न लिखित है:
आसफ के वंशज | 128 |
- एज़्रा
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- 2
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42 द्वारपाल:
शल्लूम, अतेर, तालमोन, | |
अक्कूब, हतिता और शेबाई | 139 |
43 मंदिर सेवक इनके वंशज थे:
ज़ीहा, हासुफ़ा, तब्बओथ, |
44 केरोस, सियाहा, पदोन, |
45 लेबानाह, हागाबाह, अक्कूब, |
46 हागाब, शामलाई, हनान, |
47 गिद्देल, गाहर, रेआइयाह, |
48 रेज़िन, नेकोदा, गज्ज़ाम, |
49 उज्जा, पासेह, बेसाई, |
50 आसनाह, मिऊनी, नेफिसिम, |
51 बकबुक, हकूफा, हरहूर, |
52 बाज़लुथ, मेहिदा, हरषा, |
53 बारकोस, सीसरा, तेमाह, |
54 नेज़ीयाह, हातिफा. |
55 शलोमोन के सेवकों के वंशज:
हसोफेरेथ, पेरुदा, सोताई, | |
56 याला, दारकोन, गिद्देल, | |
57 शेपाथियाह, हत्तील, पोचेरेथ-हज्ज़ेबाइम, आमि. | |
58 मंदिर के सेवक और शलोमोन के सेवकों की कुल गिनती: | 392 |
59 ये वे हैं, जो तेल-मेलाह, तेल-हरषा, करूब, अद्दान तथा इम्मर से आए, तथा इनके पास अपनी वंशावली के सबूत नहीं थे, कि वे इस्राएल के वंशज थे भी या नहीं:
60 देलाइयाह के वंशज, तोबियाह के वंशज तथा नेकोदा के वंशज | 652 |
61 पुरोहितों में:
होबाइयाह के वंशज,
हक्कोज़ के वंशज तथा बारज़िल्लाई, जिसने गिलआदवासी बारज़िल्लाई की पुत्रियों में से एक के साथ विवाह किया था और उसने उन्हीं का नाम रख लिया.
62 इन्होंने अपने पुरखों के पंजीकरण की खोज की, किंतु इन्हें सच्चाई मालूम न हो सकी; तब इन्हें सांस्कृतिक रूप से अपवित्र माना गया तथा इन्हें पुरोहित जवाबदारी से दूर रखा गया. 63 अधिपति ने उन्हें आदेश दिया कि वे उस समय तक अति पवित्र भोजन न खाएं, जब तक वहां कोई ऐसा पुरोहित न हो, जो उरीम तथा थुम्मिन से सलाह न ले लें.
64 सारी सभा की पूरी संख्या हुई 42,360. 65 इनके अलावा 7,337 दास-दासियां तथा 200 गायक-गायिकाएं भी थी. 66 उनके 736 घोड़े, 245 खच्चर, 67 435 ऊंट तथा 6,720 गधे थे.
68 कुलों के कुछ प्रधान जब येरूशलेम में याहवेह के भवन में पहुंचे, उन्होंने अपनी इच्छा के अनुसार परमेश्वर के भवन को उसी नींव पर दोबारा बनाने के लिए दान दिया. 69 उन्होंने अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार इस काम के लिए 61,000 सोने के सिक्के, 5,000 चांदी के सिक्के तथा 100 पुरोहित वस्त्र खजाने में जमा करा दिए.
70 इस समय पुरोहित, लेवी, द्वारपाल, गायक, कुछ सामान्य प्रजाजन, मंदिर के सेवक, जो सभी इस्राएल वंशज ही थे, अपने-अपने नगरों में रहने लगे. पूरा इस्राएल अपने-अपने नगर में बस चुका था.
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