5 स्वयं को परखो कि तुम विश्वास में हो या नहीं. अपने आपको जांचो! क्या तुम्हें यह अहसास नहीं होता कि मसीह येशु तुममें हैं? यदि नहीं तो तुम कसौटी पर खरे नहीं उतरे. 6 मुझे भरोसा है कि तुम यह जान जाओगे कि हम कसौटी पर खोटे नहीं उतरे. 7 हम परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि तुमसे कोई गलती न हो. इसलिये नहीं कि हम भले दिखाई दें, परंतु इसलिये कि तुम वही करो, जो उचित है, फिर हम भले ही खोटे दिखाई दें. 8 सच्चाई के विरोध में हम कुछ भी नहीं कर सकते. हम सच के पक्षधर ही रह सकते हैं. 9 हम अपने कमजोर होने तथा तुम्हारे समर्थ होने पर आनंदित होते हैं और यह प्रार्थना भी करते हैं कि तुम सिद्ध बन जाओ. 10 इस कारण दूर होते हुए भी मैं तुम्हें यह सब लिख रहा हूं कि वहां उपस्थिति होने पर मुझे प्रभु द्वारा दिए गए अधिकार का प्रयोग कठोर भाव में न करना पढ़े. इस अधिकार का उद्देश्य है उन्नत करना, न कि नाश करना.
13 सभी पवित्र लोग जो यहां हैं, उनकी ओर से नमस्कार.
- a व्यव 19:15