2 “सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, कि उस समय मैं इस देश में से मूरतों के नाम मिटा डालूँगा*मैं इस देश में से मूरतों के नाम मिटा डालूँगा: यह मूर्तिपूजा की रोक का बाड़ा था बुराई का नाम लेना बुराई का मोह है।, और वे फिर स्मरण में न रहेंगी; और मैं भविष्यद्वक्ताओं और अशुद्ध आत्मा को इस देश में से निकाल दूँगा। 3 और यदि कोई फिर भविष्यद्वाणी करे, तो उसके माता-पिता, जिनसे वह उत्पन्न हुआ, उससे कहेंगे, ‘तू जीवित न बचेगा, क्योंकि तूने यहोवा के नाम से झूठ कहा है;’ इसलिए जब वह भविष्यद्वाणी करे, तब उसके माता-पिता जिनसे वह उत्पन्न हुआ उसको बेध डालेंगे। 4 उस समय हर एक भविष्यद्वक्ता भविष्यद्वाणी करते हुए अपने-अपने दर्शन से लज्जित होंगे, और धोखा देने के लिये कम्बल का वस्त्र†कम्बल का वस्त्र: भविष्यद्वक्ता द्वारा पहने जानेवाला वस्त्र। न पहनेंगे, 5 परन्तु वह कहेगा, ‘मैं भविष्यद्वक्ता नहीं, किसान हूँ; क्योंकि लड़कपन ही से मैं दूसरों का दास हूँ‡लड़कपन ही से मैं दूसरों का दास हूँ: अर्थात् मैंने बच्चपन से किसान के रूप में काम किया है।।’ 6 तब उससे यह पूछा जाएगा, ‘तेरी छाती पर ये घाव कैसे हुए,’ तब वह कहेगा, ‘ये वे ही हैं जो मेरे प्रेमियों के घर में मुझे लगे हैं।’ ”
- a मैं इस देश में से मूरतों के नाम मिटा डालूँगा: यह मूर्तिपूजा की रोक का बाड़ा था बुराई का नाम लेना बुराई का मोह है।
- b कम्बल का वस्त्र: भविष्यद्वक्ता द्वारा पहने जानेवाला वस्त्र।
- c लड़कपन ही से मैं दूसरों का दास हूँ: अर्थात् मैंने बच्चपन से किसान के रूप में काम किया है।
- d वे मुझसे प्रार्थना किया करेंगे: भक्ति और आराधना में। पूर्व संकल्प और अनुग्रह के निवेश के साथ।