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3
मसीही चाल-चलन
1 लोगों को सुधि दिला, कि हाकिमों और अधिकारियों के अधीन रहें, और उनकी आज्ञा मानें, और हर एक अच्छे काम के लिये तैयार रहें, 2 किसी को बदनाम न करें*किसी को बदनाम न करें: हम किसी से किसी और के बारे में कुछ न कहें, जो उन्हें चोट पहुँचाए।; झगड़ालू न हों; पर कोमल स्वभाव के हों, और सब मनुष्यों के साथ बड़ी नम्रता के साथ रहें। 3 क्योंकि हम भी पहले, निर्बुद्धि और आज्ञा न माननेवाले, और भ्रम में पड़े हुए, और विभिन्न प्रकार की अभिलाषाओं और सुख-विलास के दासत्व में थे, और बैर-भाव, और डाह करने में जीवन निर्वाह करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे। 4 पर जब हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर की भलाई, और मनुष्यों पर उसका प्रेम प्रकट हुआ 5 तो उसने हमारा उद्धार किया और यह धार्मिक कामों के कारण नहीं, जो हमने आप किएयह धार्मिक कामों के कारण नहीं, जो हमने आप किए: यह सुसमाचार का एक महान और मौलिक सिद्धान्त है कि मनुष्यों के अच्छे काम आत्मा के धार्मिकता में कोई हिस्सेदारी नहीं होती हैं।, पर अपनी दया के अनुसार, नये जन्म के स्नान, और पवित्र आत्मा के हमें नया बनाने के द्वारा हुआ। 6 जिसे उसने हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के द्वारा हम पर अधिकाई से उण्डेला। (योए. 2:28) 7 जिससे हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहरकरहम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहरकर: हम अपने कामों के द्वारा नहीं, परन्तु उनके अनुग्रह और दया के द्वारा।, अनन्त जीवन की आशा के अनुसार वारिस बनें।

8 यह बात सच है, और मैं चाहता हूँ, कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले इसलिए कि जिन्होंने परमेश्वर पर विश्वास किया है, वे भले-भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें। ये बातें भली, और मनुष्यों के लाभ की हैं।

कलह से बचें
9 पर मूर्खता के विवादों, और वंशावलियों, और बैर विरोध, और उन झगड़ों से, जो व्यवस्था के विषय में हों बचा रह; क्योंकि वे निष्फल और व्यर्थ हैं। 10 किसी पाखण्डी को एक दो बार समझा बुझाकर उससे अलग रह। 11 यह जानकर कि ऐसा मनुष्य भटक गया है, और अपने आपको दोषी ठहराकर पाप करता रहता है।
अन्तिम सन्देश
12 जब मैं तेरे पास अरतिमास या तुखिकुस को भेजूँ, तो मेरे पास निकुपुलिस आने का यत्न करना: क्योंकि मैंने वहीं जाड़ा काटने का निश्चय किया है। 13 जेनास व्यवस्थापक और अपुल्लोस को यत्न करके आगे पहुँचा दे, और देख, कि उन्हें किसी वस्तु की घटी न होने पाए। 14 हमारे लोग भी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये अच्छे कामों में लगे रहना सीखें ताकि निष्फल न रहें।
शुभकामनाएँ
15 मेरे सब साथियों का तुझे नमस्कार और जो विश्वास के कारण हम से प्रेम रखते हैं, उनको नमस्कार।
तुम सब पर अनुग्रह होता रहे।

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